अयोध्या: शरद पूर्णिमा 2023 का पर्व शनिवार को पूरे देश में मनाया जाना है. लेकिन, इस बार ऐन शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ने के कारण मंदिरों में महोत्सव का आयोजन नहीं होगा. अयोध्या सहित देश में सभी जगह मध्य रात्रि में लगने वाले चंद्र ग्रहण से पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएग. इसके चलते मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. शरद पूर्णिमा का महोत्सव रात में होता है. इसलिए ग्रहण के कारण वह नहीं होगा.
चंद्र ग्रहण 2023 का राशियों पर प्रभावः अयोध्या के कुछ मंदिरों में दिन में ही कुछ धार्मिक आयोजन हो जाएंगे. इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध दंत धवन कुंड में भगवान विष्णु की क्षीरसाई झांकी भी प्रतीकात्मक रूप से निकाली जाएगी. श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी रामलला के अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि चंद्र ग्रहण कुछ राशियों के लिए लाभदायक है. जबकि कुछ राशियों के लिए हानिकारक है.
चंद्र ग्रहण 2023 का क्या प्रभाव होगाः आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि आज के चंद्र ग्रहण के प्रभाव से कुछ स्थानों पर भूकंप, तूफान, आंधी, भारी जल वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना है. ऐसी स्थिति में ग्रहण का जो सूतक लगता है वह शाम 4:04 बजे से शुरू होगा. रात के 1:04 बजे से ग्रहण लगेगा. 44 मिनट बाद 1:44 बजे ग्रहण समाप्त हो जाएगा. इसके बाद मोक्ष काल का स्नान होगा. शाम 4:04 से मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे और पूजा पाठ बंद हो जाएगा.
ग्रहण कल में गर्भवती न करें चंद्रमा के दर्शनः इस ग्रहण में विशेष कर गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की जरूरत है. ग्रहण के प्रभाव से उनके होने वाले बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए और चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए. इसके अलावा सभी को ग्रहण के दिन सावधानी बरतने की जरूरत है.
मंदिरों में नहीं होंगे शरद पूर्णिमा महोत्सव के आयोजनः इस बार शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगने के कारण धर्मनगरी अयोध्या सहित देश के सभी मंदिरों में शरद पूर्णिमा के आयोजन नहीं होंगे. मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण लगने के कारण शाम 4:00 बजे ही सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे. जिसके कारण भगवान विष्णु की किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना और उत्सव नहीं मनाया जाएगा. ऐसा पहली बार हो रहा है जब अयोध्या सहित अन्य मंदिरों में शरद पूर्णिमा के दिन क्षीरसाई भगवान विष्णु की पूजा नहीं होगी.