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हरिद्वार कुंभ : शंकराचार्य निश्चलानंद सरकार से नाराज, वीडियो जारी कर दिया अल्टीमेटम

जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद ने एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भूमि आवंटन मामले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने भूमि आवंटन के लिए सरकार और प्रशासन को पांच दिन का समय दिया है.

nishlanand shankaracharya
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Published : Mar 13, 2021, 6:07 PM IST

देहरादून : महाशिवरात्रि के पर्व पर पहला शाही स्नान करके अखाड़ों ने हरिद्वार कुंभ की शुरुआत कर दी है. महाशिवरात्रि पर सात अखाड़ों में पेशवाई निकालकर हरकी पैड़ी पर शाही स्नान किया था. इस दौरान कुंभ प्रशासन ने सुरक्षा से लेकर अन्य सभी तरह की व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम किए थे. लेकिन कुछ संत मेला प्रशासन की व्यवस्था से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.

भूमि आवंटन को लेकर जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद काफी नाराज हैं. उन्होंने भूमि आवंटन के लिए सरकार और प्रशासन को पांच दिन का समय दिया है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्या का हल नहीं निकलता है तो वे कुछ कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे. इसको लेकर उन्होंने वीडियो जारी किया है.

जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद ने जारी किया वीडियो

पढ़ें : कलश से छलका अमृत, इस बार होगा सुंदर-स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ

शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपने संदेश के माध्यम से भूमि आवंटन के लिए अपील की है. उन्होने संदेश में कहा है कि हरिद्वार में इस समय महाकुंभ चल रहा है. इसमें धर्म ध्वजा व प्रथम शाही स्नान भी हो चुका है. बावजूद इसके प्रथम शंकराचार्य शासन तंत्र की तरफ से पूर्ण उपेक्षित हैं. अब तक मेला प्रशासन की ओर से भूमि आवंटन करने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. आपके राज्य में ही यह सब हो रहा है. अगर इस समस्या का हल नहीं किया गया तो हम संकेत करेंगे कि आप लोग शासन करने के योग्य नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि इतिहास में भी नागा संन्यासी और संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एक ओर कुंभ मेला शुरू हो चुका है, उसके बाद भी अब तक उचित भूमि देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. आपके राज्य में संतों की इस तरह से उपेक्षा हो रही है. आप अपने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को आदेश करें कि वह पांच दिन के अंदर हरिद्वार में महाकुंभ के लिए भूमि आवंटित करने का कार्य करें अन्यथा अगला कदम हम उठाएंगे.

शंकराचार्य निश्चलानंद के बारे में खास

  • कहा जाता है कि किसी महत्वपूर्ण अभियान से पहले इसरो के वैज्ञानिक शंकराचार्य से मिलते हैं.
  • करीब चार साल पहले निश्चलानंद इसरो के अहमदाबाद सेंटर में लेक्चर दिया था.
  • अपने लैक्चर में वैदिक गणित के महत्व को समझाया था.
  • शंकराचार्य निश्चलानंद का मत था कि वैदिक गणित की मदद से इसरो के वैज्ञानिक देश, काल और वस्तु का आकलन करके अपने मिशन को सफल बना सकते हैं.

कौन हैं जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद

श्री ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरीपीठ के वर्तमान 145वें श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द भारत के एक सन्त हैं, जिनसे आधुनिक युग में विश्व के सर्वोच्च वैधानिक संगठनों संयुक्त राष्ट्र संघ तथा विश्व बैंक तक ने मार्गदर्शन प्राप्त किया है.

पढ़ें : निरंजनी और आनंद अखाड़े में 52 फीट की धर्मध्वजा स्थापित, कुंभ मेले का आगाज

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिनांक 28 से 31 अगस्त 2000 को न्यूयार्क में आयोजित विश्वशांति शिखर सम्मेलन तथा विश्व बैंक ने वर्ल्ड फेथ्स डेवलपमेन्ट डायलॉग- 2000 के वॉशिंगटन सम्मेलन के अवसर पर उनसे लिखित मार्गदर्शन प्राप्त किया था.

देहरादून : महाशिवरात्रि के पर्व पर पहला शाही स्नान करके अखाड़ों ने हरिद्वार कुंभ की शुरुआत कर दी है. महाशिवरात्रि पर सात अखाड़ों में पेशवाई निकालकर हरकी पैड़ी पर शाही स्नान किया था. इस दौरान कुंभ प्रशासन ने सुरक्षा से लेकर अन्य सभी तरह की व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम किए थे. लेकिन कुछ संत मेला प्रशासन की व्यवस्था से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.

भूमि आवंटन को लेकर जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद काफी नाराज हैं. उन्होंने भूमि आवंटन के लिए सरकार और प्रशासन को पांच दिन का समय दिया है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनकी समस्या का हल नहीं निकलता है तो वे कुछ कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे. इसको लेकर उन्होंने वीडियो जारी किया है.

जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद ने जारी किया वीडियो

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शंकराचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपने संदेश के माध्यम से भूमि आवंटन के लिए अपील की है. उन्होने संदेश में कहा है कि हरिद्वार में इस समय महाकुंभ चल रहा है. इसमें धर्म ध्वजा व प्रथम शाही स्नान भी हो चुका है. बावजूद इसके प्रथम शंकराचार्य शासन तंत्र की तरफ से पूर्ण उपेक्षित हैं. अब तक मेला प्रशासन की ओर से भूमि आवंटन करने का कार्य शुरू नहीं किया गया है. आपके राज्य में ही यह सब हो रहा है. अगर इस समस्या का हल नहीं किया गया तो हम संकेत करेंगे कि आप लोग शासन करने के योग्य नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि इतिहास में भी नागा संन्यासी और संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एक ओर कुंभ मेला शुरू हो चुका है, उसके बाद भी अब तक उचित भूमि देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. आपके राज्य में संतों की इस तरह से उपेक्षा हो रही है. आप अपने मुख्यमंत्री और मंत्रियों को आदेश करें कि वह पांच दिन के अंदर हरिद्वार में महाकुंभ के लिए भूमि आवंटित करने का कार्य करें अन्यथा अगला कदम हम उठाएंगे.

शंकराचार्य निश्चलानंद के बारे में खास

  • कहा जाता है कि किसी महत्वपूर्ण अभियान से पहले इसरो के वैज्ञानिक शंकराचार्य से मिलते हैं.
  • करीब चार साल पहले निश्चलानंद इसरो के अहमदाबाद सेंटर में लेक्चर दिया था.
  • अपने लैक्चर में वैदिक गणित के महत्व को समझाया था.
  • शंकराचार्य निश्चलानंद का मत था कि वैदिक गणित की मदद से इसरो के वैज्ञानिक देश, काल और वस्तु का आकलन करके अपने मिशन को सफल बना सकते हैं.

कौन हैं जगदगुरु पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद

श्री ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरीपीठ के वर्तमान 145वें श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द भारत के एक सन्त हैं, जिनसे आधुनिक युग में विश्व के सर्वोच्च वैधानिक संगठनों संयुक्त राष्ट्र संघ तथा विश्व बैंक तक ने मार्गदर्शन प्राप्त किया है.

पढ़ें : निरंजनी और आनंद अखाड़े में 52 फीट की धर्मध्वजा स्थापित, कुंभ मेले का आगाज

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिनांक 28 से 31 अगस्त 2000 को न्यूयार्क में आयोजित विश्वशांति शिखर सम्मेलन तथा विश्व बैंक ने वर्ल्ड फेथ्स डेवलपमेन्ट डायलॉग- 2000 के वॉशिंगटन सम्मेलन के अवसर पर उनसे लिखित मार्गदर्शन प्राप्त किया था.

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