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शंकराचार्य निश्चलानंद का बड़ा बयान, काशी की क्या बात है, मक्का में भी मकेश्वर महादेव

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती रविवार को राजस्थान के नागौर दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मामलों पर मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान (Shankaracharya Nischalanand Big statement) दिया. उन्होेंने कहा कि काशी की क्या बात करते हैं, हम तो मक्का तक गए हैं. मक्का में मकेश्वर महादेव स्थापित हैं.

Shankaracharya Nischalanand Big statement
शंकराचार्य निश्चलानंद का बड़ा बयान
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Published : Sep 18, 2022, 7:38 PM IST

नागौर. राजस्थान में नागौर जिले के दो दिवसीय दौरे पर आए जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalanand Big statement) ने प्रेस वार्ता में ज्ञानव्यापी मामले पर पूछे गए सवाल पर कहा कि काशी की क्या बात करते हो, हम तो मक्का तक पहुंच गए. वहां पर भी मकेश्वर महादेव (Makeshwar Mahadev in Mecca) है. हम तो कहते हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है, लेकिन सरकार अपने स्तर पर अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करती है तो नेपाल-मॉरीशस सहित दुनिया के 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित होने की तैयारी में है. वे सभी देश भारत के रुख की प्रतिक्षा कर रहे हैं.

उन्होंने युवाओं के पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ने के सवाल पर कहा कि हमें ही इसका ख्याल रखना होगा. मैं भी दिल्ली में पढ़ा हूं लेकिन पाश्चात्य संस्कृति अपने पर हावी नहीं होने दी. युवा पीढ़ी को खुद ही इस बात क समझना होगा.

पढ़ें साढ़े तीन साल में हिंदू राष्ट्र बन जाएगा भारत, फूट डालो राज करो राजनीति नहीं: स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

गंगा को मिला राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिला लेकिन हालात जस के तस
गंगा नदी के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में जनभावना को देखते हुए गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा तो दे दिया, लेकिन उसके विकास के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए.

शंकराचार्य निश्चलानंद का बड़ा बयान

गो रक्षा पर ये कहा...
उन्होंने गौ का पौराणिक महत्व समझाते हुए मानव जीवन के लिए इसे बेहद उपयोगी बताया. साथ ही कहा कि गौ-रक्ष मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है. वैदिक शिक्षा की व्याख्या करते हुए इस पर बल देने की बात कही.

पढ़ें Dharm Sabha In Ajmer: शंकराचार्य ने राजनेताओं के ज्ञान पर उठाया सवाल, बोले- योगी राजनीति में न आते तो अच्छा था

गाय और पीपल का वृक्ष पूजनीय, इससे मानव जीवन और संस्कृति की रक्षा
शंकराचार्य ने गाय और पीपल के वृक्ष की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि ये दोनों मानव जीवन और संस्कृति के लिए जरुरी है. पीपल का वृक्ष हमेशा ऑक्सीजन देता है, जबकि गौ-रक्ष से मानव जीवन को स्वस्थ्य और दीर्घ आयु बनाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि गोवंश की हत्या पूरी संस्कृति की हत्या के समान है. इसके साथ ही उन्होंने धर्म की व्याख्या करते हुए विभिन्न सवालों के जवाब दिए.

नागौर. राजस्थान में नागौर जिले के दो दिवसीय दौरे पर आए जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Nischalanand Big statement) ने प्रेस वार्ता में ज्ञानव्यापी मामले पर पूछे गए सवाल पर कहा कि काशी की क्या बात करते हो, हम तो मक्का तक पहुंच गए. वहां पर भी मकेश्वर महादेव (Makeshwar Mahadev in Mecca) है. हम तो कहते हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है, लेकिन सरकार अपने स्तर पर अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करती है तो नेपाल-मॉरीशस सहित दुनिया के 15 देश हिंदू राष्ट्र घोषित होने की तैयारी में है. वे सभी देश भारत के रुख की प्रतिक्षा कर रहे हैं.

उन्होंने युवाओं के पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ने के सवाल पर कहा कि हमें ही इसका ख्याल रखना होगा. मैं भी दिल्ली में पढ़ा हूं लेकिन पाश्चात्य संस्कृति अपने पर हावी नहीं होने दी. युवा पीढ़ी को खुद ही इस बात क समझना होगा.

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गंगा को मिला राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिला लेकिन हालात जस के तस
गंगा नदी के मामले में शंकराचार्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में जनभावना को देखते हुए गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा तो दे दिया, लेकिन उसके विकास के लिए तत्कालीन सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए गए.

शंकराचार्य निश्चलानंद का बड़ा बयान

गो रक्षा पर ये कहा...
उन्होंने गौ का पौराणिक महत्व समझाते हुए मानव जीवन के लिए इसे बेहद उपयोगी बताया. साथ ही कहा कि गौ-रक्ष मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है. वैदिक शिक्षा की व्याख्या करते हुए इस पर बल देने की बात कही.

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गाय और पीपल का वृक्ष पूजनीय, इससे मानव जीवन और संस्कृति की रक्षा
शंकराचार्य ने गाय और पीपल के वृक्ष की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि ये दोनों मानव जीवन और संस्कृति के लिए जरुरी है. पीपल का वृक्ष हमेशा ऑक्सीजन देता है, जबकि गौ-रक्ष से मानव जीवन को स्वस्थ्य और दीर्घ आयु बनाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि गोवंश की हत्या पूरी संस्कृति की हत्या के समान है. इसके साथ ही उन्होंने धर्म की व्याख्या करते हुए विभिन्न सवालों के जवाब दिए.

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