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Mathura News : हिंदू महासभा ने कहा- औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर बनवाई ईदगाह, अब उसके वंशज लड़ रहे केस

हिंदू महासभा ने कहा कि औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर शाही ईदगाह बनवाई थी. अब ईदगाह को बचाने के लिए उसके वंशज कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. हिंदू महासभा ने कहा कि मुस्लिस पक्ष के पास कोई साक्ष्य नहीं है.

shahi idgah masjid
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Published : Mar 13, 2023, 10:20 AM IST

शाही ईदगाह को लेकर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा का बयान

मथुरा: लगातार शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला गर्माता जा रहा है. न्यायालय में लगातार शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर सुनवाई चल रही है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. हिंदू महासभा ने मुस्लिम पक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले तलवार के दम पर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर और ईदगाह बनवाई. अब ईदगाह को बचाने के लिए उसके वंशज न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. मुस्लिम पक्ष के पास किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं है. सारे साक्ष्य हिंदू पक्ष के पास हैं. जल्द ही निर्णय हिंदू पक्ष में ही आएगा. औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर जघन्य पाप किया.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हमने शासन-प्रशासन से होली पर असली गर्भ गृह में गुलाल लगाने और होली खेलने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, शासन-प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. वहां तो केवल मुस्लिम पक्ष को ही नवाज पढ़ने की अनुमति है. हिंदू महासभा ने कहा कि हम शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्म भूमि को लेकर राजनीति नहीं कर रहे. वे तो अपने कान्हा की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके साथ ही यमुना शुद्धिकरण का भी मुद्दा उठाया था. दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐलान किया था कि यमुना का एक ग्लास पानी कोई भी जनप्रतिनिधि पी ले तो वह उसे 51 हजार रुपये का इनाम देंगे.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का यहां बहुत भव्य मंदिर था, जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रपोत्र ने बनवाया था. उसको कई मुगल शासकों ने तोड़ा उसके बाद हिंदू राजाओं ने उसको बनाया तो फिर मुगल शासकों ने तोड़ा. इस तरह यह मंदिर कई बार टूटा और कई बार बनवाया गया. अंत में औरंगजेब आया और उसने तलवार के दम पर भव्य मंदिर को तोड़ दिया. तोड़कर जो भी ईंट, बजरी और सीमेंट था, उस सबको इकट्ठा करके उसके ऊपर ईदगाह बना दी. औरंगजेब ने हिंदुओं के साथ जो जघन्य पाप किया था, वह माफी योग्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि अब औरंगजेब के जो वंशज हैं वह न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. अपनी ईदगाह को बचाने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है और न ही खसरा-खतौनी में नाम है. न ही उनके पास बिजली का कनेक्शन है और न ही पानी का कनेक्शन है. जितने भी साक्ष्य हैं वह सब हिंदू पक्ष के पास हैं. इसका केस सिविल कोर्ट सीनियर डिविजन में चल रहा है और पूरी उम्मीद है कि हिंदू पक्ष इसमें जीतेगा.

दिनेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने एक संकल्प लिया था कि जब तक वे औरंगजेब के बाप की निशानी को न्यायालय के द्वारा हटवा नहीं देंगे, तब तक वे अपने पैरों में जूता-चप्पल नहीं पहनेंगे. उन्होंने बताया कि उन्हें लगभग 2 साल हो गए हैं और वे नंगे पैर ही भगवान के लिए तपस्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण उनकी तपस्या को जरूर सुनेंगे. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर कोई राजनीति नहीं है. वे तो केवल अपने कान्हा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. सभी हिंदू ब्रजवासी उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि केवल श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को ही नहीं उठा रहे हैं. इसके साथ यमुना शुद्धिकरण के मामले को भी उठा रहे हैं. कई बार जिलाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन दिया है.

यह भी पढ़ें: Akhilesh Yadav ने कहा- सीबीआई-ईडी का सरकार कर रही दुरुपयोग


शाही ईदगाह को लेकर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा का बयान

मथुरा: लगातार शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला गर्माता जा रहा है. न्यायालय में लगातार शाही ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर सुनवाई चल रही है. वहीं, दूसरी ओर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं. हिंदू महासभा ने मुस्लिम पक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले तलवार के दम पर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर और ईदगाह बनवाई. अब ईदगाह को बचाने के लिए उसके वंशज न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. मुस्लिम पक्ष के पास किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं है. सारे साक्ष्य हिंदू पक्ष के पास हैं. जल्द ही निर्णय हिंदू पक्ष में ही आएगा. औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर जघन्य पाप किया.

हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हमने शासन-प्रशासन से होली पर असली गर्भ गृह में गुलाल लगाने और होली खेलने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, शासन-प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. वहां तो केवल मुस्लिम पक्ष को ही नवाज पढ़ने की अनुमति है. हिंदू महासभा ने कहा कि हम शाही ईदगाह बनाम श्रीकृष्ण जन्म भूमि को लेकर राजनीति नहीं कर रहे. वे तो अपने कान्हा की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके साथ ही यमुना शुद्धिकरण का भी मुद्दा उठाया था. दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने ऐलान किया था कि यमुना का एक ग्लास पानी कोई भी जनप्रतिनिधि पी ले तो वह उसे 51 हजार रुपये का इनाम देंगे.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का यहां बहुत भव्य मंदिर था, जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रपोत्र ने बनवाया था. उसको कई मुगल शासकों ने तोड़ा उसके बाद हिंदू राजाओं ने उसको बनाया तो फिर मुगल शासकों ने तोड़ा. इस तरह यह मंदिर कई बार टूटा और कई बार बनवाया गया. अंत में औरंगजेब आया और उसने तलवार के दम पर भव्य मंदिर को तोड़ दिया. तोड़कर जो भी ईंट, बजरी और सीमेंट था, उस सबको इकट्ठा करके उसके ऊपर ईदगाह बना दी. औरंगजेब ने हिंदुओं के साथ जो जघन्य पाप किया था, वह माफी योग्य नहीं है.

उन्होंने कहा कि अब औरंगजेब के जो वंशज हैं वह न्यायालय में केस लड़ रहे हैं. अपनी ईदगाह को बचाने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है और न ही खसरा-खतौनी में नाम है. न ही उनके पास बिजली का कनेक्शन है और न ही पानी का कनेक्शन है. जितने भी साक्ष्य हैं वह सब हिंदू पक्ष के पास हैं. इसका केस सिविल कोर्ट सीनियर डिविजन में चल रहा है और पूरी उम्मीद है कि हिंदू पक्ष इसमें जीतेगा.

दिनेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने एक संकल्प लिया था कि जब तक वे औरंगजेब के बाप की निशानी को न्यायालय के द्वारा हटवा नहीं देंगे, तब तक वे अपने पैरों में जूता-चप्पल नहीं पहनेंगे. उन्होंने बताया कि उन्हें लगभग 2 साल हो गए हैं और वे नंगे पैर ही भगवान के लिए तपस्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण उनकी तपस्या को जरूर सुनेंगे. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर कोई राजनीति नहीं है. वे तो केवल अपने कान्हा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. सभी हिंदू ब्रजवासी उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि केवल श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को ही नहीं उठा रहे हैं. इसके साथ यमुना शुद्धिकरण के मामले को भी उठा रहे हैं. कई बार जिलाधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन दिया है.

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