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ओडिशा: दूषित पानी पीने से 7 की मौत, 71 अस्पताल में भर्ती

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Published : Jul 17, 2022, 4:09 PM IST

ओडिशा में दूषित जल पीने से 7 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. वहीं 71 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. मामले को लेकर विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा किया है.

7 people dead in Odisha
ओडिशा में 7 की मौत

रायगड़ा: ओडिशा के रायगड़ा जिले में दूषित पानी पीने से 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 71 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामले पर राज्य सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. प्रारंभिक जांच में डायरिया की आशंका जताई जा रही है. वहीं इसे लेकर विधानसभा में विरोध प्रदर्शन हुआ और कांग्रेस ने मामले पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान मांगा है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों में मौत के मामले काशीपुर ब्लॉक के गांवों से सामने आए जिसके बाद 11 डॉक्टरों की टीम ने प्रभावित गांवों का दौरा कर जांच के किए पानी और ब्लड सैंपल इकट्ठा किए और उन्हें जांच के लिए भेजा. जल जनित रोग का मामले सबसे पहले मालीगुड़ा गांव में सामने आया जिसके बाद दुदुकाबहल, टिकिरी, गोबरीघाटी, रौटघाटी, जलाखुरा गावों में भी ऐसे मामले देखने को मिले. अधिकारियों ने यह भी बताया कि डांगसिल, रेंगा, हाडीगुडा, मैकांच, संकरदा, कुचिपदार गावों में भी कई लोग दस्त से पीड़ित हैं जिनका घर पर ही इलाज चल रहा है.

खुले स्त्रोतों से पानी पीने के कारण अस्पताल में भर्ती किए गए 71 लोगों में से 46 लोगों का इलाज टिकिरी पब्लिक हेल्थ सेंटर, 14 लोगों का इलाज काशीपुर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और 11 लड़कियों का इलाज थातीबार पीएचसी के एक आश्रम स्कूल में इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा एक मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे कोरापुट के एसएलएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है.

इस सिलसिले में रायगड़ा के जिला कलेक्टर स्वधा देव सिंह ने सीडीएमओ डॉ. लालमोहन राउतरे के साथ चिकित्सा केंद्रों का दौरा किया. उन्होंने शनिवार को बताया कि, फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मौतें डायरिया के कारण हुई हैं, बावजूद इसके डायरिया के मामले सामने आने के बाद हमने पानी से होने वाली बीमारियों का इलाज शुरू कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए पानी के दूषित स्रोतों को कीटाणुरहित किया जा रहा है.

वहीं सीडीएमओ ने कहा कि मालीगुड़ा में एक खुले कुएं में दूषित पानी पाया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को गांव वालों के लिए पानी का वैकल्पिक स्त्रोत कि व्यवस्था करने के लिए कहा गया है और अब अन्य गांवों के जल स्रोतों की भी पहचान कर उपचार किया जाएगा. बता दें कि काशीपुर ब्लॉक में जन जनित रोगों का इतिहास पुराना है. साल 2008 में करीब 100 लोगों की डायरिया से मौत हो गई थी जबकि 2010 में हैजा के चलते लगभग 100 लोगों की मौत हुई थी.

वहीं ताजा मामले को लेकर शनिवार को विधानसभा में हंगामा हुआ. शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान मांगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को लागू करने में राज्य सरकार देश में नंबर वन है. हालांकि, काशीपुर प्रखंड के कई लोग अभी भी खाद्य सुरक्षा से वंचित हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि आम की गुठली और शराब जैसी गैर-खाद्य सामग्री के सेवन से आदिवासी और झोडिया समुदाय के लोग मर रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में इस तरह के गैर-खाद्य पदार्थो के सेवन से कम से कम 7 लोगों की मौत हुई है.

मिश्रा ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए काशीपुर इलाके में लोगों की मौत के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री से बयान मांगा. कांग्रेस के एक अन्य सदस्य ताराप्रसाद बहिनीपति ने भी अपने पार्टी सहयोगी के साथ अध्यक्ष बी.के. अरुखा से अपील की कि वह सीएम से बयान देने को कहें. रायगड़ा विधायक मकरंदा मुदुली ने डायरिया को हैजा में बदलने से पहले राज्य सरकार से कदम उठाने को कहा है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि प्रभावित लोगों के समुचित इलाज और दूषित पानी की जांच के लिए राज्य मुख्यालय से क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम भेजी जाए. बाद में अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी से सोमवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में बयान देने को कहा.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र: अमरावती में कुएं का दूषित पानी पीने से तीन की मौत, 47 बीमार

रायगड़ा: ओडिशा के रायगड़ा जिले में दूषित पानी पीने से 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 71 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामले पर राज्य सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. प्रारंभिक जांच में डायरिया की आशंका जताई जा रही है. वहीं इसे लेकर विधानसभा में विरोध प्रदर्शन हुआ और कांग्रेस ने मामले पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान मांगा है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिनों में मौत के मामले काशीपुर ब्लॉक के गांवों से सामने आए जिसके बाद 11 डॉक्टरों की टीम ने प्रभावित गांवों का दौरा कर जांच के किए पानी और ब्लड सैंपल इकट्ठा किए और उन्हें जांच के लिए भेजा. जल जनित रोग का मामले सबसे पहले मालीगुड़ा गांव में सामने आया जिसके बाद दुदुकाबहल, टिकिरी, गोबरीघाटी, रौटघाटी, जलाखुरा गावों में भी ऐसे मामले देखने को मिले. अधिकारियों ने यह भी बताया कि डांगसिल, रेंगा, हाडीगुडा, मैकांच, संकरदा, कुचिपदार गावों में भी कई लोग दस्त से पीड़ित हैं जिनका घर पर ही इलाज चल रहा है.

खुले स्त्रोतों से पानी पीने के कारण अस्पताल में भर्ती किए गए 71 लोगों में से 46 लोगों का इलाज टिकिरी पब्लिक हेल्थ सेंटर, 14 लोगों का इलाज काशीपुर कम्युनिटी हेल्थ सेंटर और 11 लड़कियों का इलाज थातीबार पीएचसी के एक आश्रम स्कूल में इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा एक मरीज की हालत बिगड़ने पर उसे कोरापुट के एसएलएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है.

इस सिलसिले में रायगड़ा के जिला कलेक्टर स्वधा देव सिंह ने सीडीएमओ डॉ. लालमोहन राउतरे के साथ चिकित्सा केंद्रों का दौरा किया. उन्होंने शनिवार को बताया कि, फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मौतें डायरिया के कारण हुई हैं, बावजूद इसके डायरिया के मामले सामने आने के बाद हमने पानी से होने वाली बीमारियों का इलाज शुरू कर दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए पानी के दूषित स्रोतों को कीटाणुरहित किया जा रहा है.

वहीं सीडीएमओ ने कहा कि मालीगुड़ा में एक खुले कुएं में दूषित पानी पाया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को गांव वालों के लिए पानी का वैकल्पिक स्त्रोत कि व्यवस्था करने के लिए कहा गया है और अब अन्य गांवों के जल स्रोतों की भी पहचान कर उपचार किया जाएगा. बता दें कि काशीपुर ब्लॉक में जन जनित रोगों का इतिहास पुराना है. साल 2008 में करीब 100 लोगों की डायरिया से मौत हो गई थी जबकि 2010 में हैजा के चलते लगभग 100 लोगों की मौत हुई थी.

वहीं ताजा मामले को लेकर शनिवार को विधानसभा में हंगामा हुआ. शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बयान मांगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को लागू करने में राज्य सरकार देश में नंबर वन है. हालांकि, काशीपुर प्रखंड के कई लोग अभी भी खाद्य सुरक्षा से वंचित हैं. कांग्रेस विधायक ने कहा कि आम की गुठली और शराब जैसी गैर-खाद्य सामग्री के सेवन से आदिवासी और झोडिया समुदाय के लोग मर रहे हैं. मिश्रा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में इस तरह के गैर-खाद्य पदार्थो के सेवन से कम से कम 7 लोगों की मौत हुई है.

मिश्रा ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए काशीपुर इलाके में लोगों की मौत के हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री से बयान मांगा. कांग्रेस के एक अन्य सदस्य ताराप्रसाद बहिनीपति ने भी अपने पार्टी सहयोगी के साथ अध्यक्ष बी.के. अरुखा से अपील की कि वह सीएम से बयान देने को कहें. रायगड़ा विधायक मकरंदा मुदुली ने डायरिया को हैजा में बदलने से पहले राज्य सरकार से कदम उठाने को कहा है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि प्रभावित लोगों के समुचित इलाज और दूषित पानी की जांच के लिए राज्य मुख्यालय से क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय मेडिकल टीम भेजी जाए. बाद में अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री निरंजन पुजारी से सोमवार को इस मुद्दे पर विधानसभा में बयान देने को कहा.

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