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दान में मिले करोड़ों रुपये कोरोना राहत कार्य में ऐसे खर्च करेगा सेवा इंटरनेशनल

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. इसके मद्देनजर सामाजिक संगठन सेवा इंटरनेशनल ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, देओबंद के तिब्बिया इंस्टिट्यूट और बनारस के विशाल भारत संस्थान को पांच-पांच ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दिए गए हैं.

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Published : May 15, 2021, 11:14 PM IST

Updated : May 16, 2021, 2:08 PM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना की दूसरे लहर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को नाकाफ़ी साबित किया, लेकिन इस बीच कई सामाजिक संगठन सामने आए और देश भर में अपने अपने स्तर पर राहत कार्य शुरू किए. इन सामाजिक गैर सरकारी संगठनों में सेवा इंटरनेशनल का नाम इन दिनों चर्चा में है.

भारत में राहत कार्य करने के लिए ट्विटर के सीईओ जैक डार्सी ने सेवा इंटरनेशनल को 2.5 मिलियन डॉलर का दान दिया है. इससे पहले भी सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा इंटरनेशनल पांच मिलियन डॉलर से ज्यादा एकत्रित कर चुका है और रिपोर्ट्स के मुताबिक कुल 1,01,000 लोगों ने अब तक सेवा इंटरनेशनल को दान दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि सेवा इंटरनेशनल इन पैसों का किस तरह इस्तेमाल करेगा और भारत में कोरोना राहत कार्य के लिए इस संगठन की ओर से क्या कार्य किए जा रहे हैं? इन तमाम सवालों के जवाब अब सेवा इंटरनेशनल ने अपने सेवा कार्यों से ही देना शुरू कर दिया है.

देखिए खास बातचीत

शनिवार को सेवा इंटरनेशनल की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, देओबंद के तिब्बिया इंस्टिट्यूट और बनारस के विशाल भारत संस्थान को पांच-पांच ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दिए गए हैं. आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार और सेवा इंटरनेशनल के मैनेजिंग ट्रस्टी श्याम प्रांडे ने दिल्ली से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खेप रवाना की.

सेवा इंटरनेशनल ने देश भर में 10 हज़ार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 400 वेंटीलेटर, 20,500 पल्स ऑक्सीमीटर, 50,000 राशन किट्स और 50 हज़ार मेडिकल किट्स वितरित करने की योजना बनाई है. सेवा इंटरनेशनल के ट्रस्टी श्याम प्रांडे ने बताया कि इनमें से 2,000 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अब तक वितरित भी किए जा चुके हैं, जो भारत से ही खरीदे गए थे.

वहीं, अब तक 1,500 ऑक्सीमीटर भी वितरित किए जा चुके हैं. मई के अंत तक सभी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटीलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और अन्य राहत सामग्री देश में पहुंच कर वितरित भी कर दी जाएगी.

सेवा इंटरनेशनल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शुभम ने जानकारी दी कि राहत सामग्री वितरण के लिए देश भर में 45 केंद्र चुने गए हैं जिन्हें जनसंख्या के आधार पर चिह्नत किया गया है. इनमें से 31 केंद्र सक्रिय हैं जहां सेवा इंटरनेशनल के स्वयंसेवक कोविड केयर सेंटरों की जरूरत के अनुसार आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने का काम करते हैं.

पढ़ें :- कोरोना की दूसरी लहर में आम लोगों का जीना मुहाल, जानिए अपने राज्य का हाल

सेवा कार्यों के अलावा संगठन द्वारा कोविडसेवा.कॉम नाम से एक वेबसाइट भी लॉन्च की गई है. इस वेबसाइट का संचालन कर रही टीम सोशल मीडिया पर मदद के लिए चलाए जा रहे कैंपेन या पोस्ट की सत्यता जांच कर उनकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराती है.

मुश्किल के इस समय में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सेवा इंटरनेशनल से जुड़े 110 प्रशिक्षित काउंसलर प्रतिदिन 5 घंटे फोन पर उपलब्ध रहते हैं. वेबसाइट पर दिए गए नम्बर पर कॉल कर इनसे बातचीत की जा सकती है.

सेवा इंटरनेशनल द्वारा देश के सात अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना भी बनाई जा रही है.

संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि कोरोना वायरस चीन के द्वारा भेजा गया बायोलॉजिकल वेपन है जो मानवता के दुश्मन देश चीन द्वारा भारत में भेजा गया है. सेवा इंटरनेशनल द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों पर बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों द्वारा बड़ी मात्रा में मदद भारत के लिये भेजी जा रही है. यह मदद सभी के लिए बराबर है और इसमें कोई जाती या धर्म नहीं है. इंद्रेश कुमार ने अपील की है कि संकट की इस घड़ी में लोग राजनीति और जाति-धर्म से ऊपर उठ कर केवल लोगों के मदद की सोच रखें.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना की दूसरे लहर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को नाकाफ़ी साबित किया, लेकिन इस बीच कई सामाजिक संगठन सामने आए और देश भर में अपने अपने स्तर पर राहत कार्य शुरू किए. इन सामाजिक गैर सरकारी संगठनों में सेवा इंटरनेशनल का नाम इन दिनों चर्चा में है.

भारत में राहत कार्य करने के लिए ट्विटर के सीईओ जैक डार्सी ने सेवा इंटरनेशनल को 2.5 मिलियन डॉलर का दान दिया है. इससे पहले भी सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा इंटरनेशनल पांच मिलियन डॉलर से ज्यादा एकत्रित कर चुका है और रिपोर्ट्स के मुताबिक कुल 1,01,000 लोगों ने अब तक सेवा इंटरनेशनल को दान दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि सेवा इंटरनेशनल इन पैसों का किस तरह इस्तेमाल करेगा और भारत में कोरोना राहत कार्य के लिए इस संगठन की ओर से क्या कार्य किए जा रहे हैं? इन तमाम सवालों के जवाब अब सेवा इंटरनेशनल ने अपने सेवा कार्यों से ही देना शुरू कर दिया है.

देखिए खास बातचीत

शनिवार को सेवा इंटरनेशनल की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, देओबंद के तिब्बिया इंस्टिट्यूट और बनारस के विशाल भारत संस्थान को पांच-पांच ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर दिए गए हैं. आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार और सेवा इंटरनेशनल के मैनेजिंग ट्रस्टी श्याम प्रांडे ने दिल्ली से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खेप रवाना की.

सेवा इंटरनेशनल ने देश भर में 10 हज़ार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 400 वेंटीलेटर, 20,500 पल्स ऑक्सीमीटर, 50,000 राशन किट्स और 50 हज़ार मेडिकल किट्स वितरित करने की योजना बनाई है. सेवा इंटरनेशनल के ट्रस्टी श्याम प्रांडे ने बताया कि इनमें से 2,000 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अब तक वितरित भी किए जा चुके हैं, जो भारत से ही खरीदे गए थे.

वहीं, अब तक 1,500 ऑक्सीमीटर भी वितरित किए जा चुके हैं. मई के अंत तक सभी ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, वेंटीलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और अन्य राहत सामग्री देश में पहुंच कर वितरित भी कर दी जाएगी.

सेवा इंटरनेशनल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शुभम ने जानकारी दी कि राहत सामग्री वितरण के लिए देश भर में 45 केंद्र चुने गए हैं जिन्हें जनसंख्या के आधार पर चिह्नत किया गया है. इनमें से 31 केंद्र सक्रिय हैं जहां सेवा इंटरनेशनल के स्वयंसेवक कोविड केयर सेंटरों की जरूरत के अनुसार आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने का काम करते हैं.

पढ़ें :- कोरोना की दूसरी लहर में आम लोगों का जीना मुहाल, जानिए अपने राज्य का हाल

सेवा कार्यों के अलावा संगठन द्वारा कोविडसेवा.कॉम नाम से एक वेबसाइट भी लॉन्च की गई है. इस वेबसाइट का संचालन कर रही टीम सोशल मीडिया पर मदद के लिए चलाए जा रहे कैंपेन या पोस्ट की सत्यता जांच कर उनकी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराती है.

मुश्किल के इस समय में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सेवा इंटरनेशनल से जुड़े 110 प्रशिक्षित काउंसलर प्रतिदिन 5 घंटे फोन पर उपलब्ध रहते हैं. वेबसाइट पर दिए गए नम्बर पर कॉल कर इनसे बातचीत की जा सकती है.

सेवा इंटरनेशनल द्वारा देश के सात अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना भी बनाई जा रही है.

संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि कोरोना वायरस चीन के द्वारा भेजा गया बायोलॉजिकल वेपन है जो मानवता के दुश्मन देश चीन द्वारा भारत में भेजा गया है. सेवा इंटरनेशनल द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों पर बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों द्वारा बड़ी मात्रा में मदद भारत के लिये भेजी जा रही है. यह मदद सभी के लिए बराबर है और इसमें कोई जाती या धर्म नहीं है. इंद्रेश कुमार ने अपील की है कि संकट की इस घड़ी में लोग राजनीति और जाति-धर्म से ऊपर उठ कर केवल लोगों के मदद की सोच रखें.

Last Updated : May 16, 2021, 2:08 PM IST
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