ETV Bharat / bharat

HC का केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस, ट्रांसजेंडर्स के लिए बने अलग शौचालय - यौन हमले और उत्पीड़न

दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग शौचालय न होने की वजह से उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है. इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार सहित दिल्ली सरकार व नगर निकायों को नोटिस जारी किया है.

genders
genders
author img

By

Published : Jul 26, 2021, 1:55 PM IST

Updated : Jul 26, 2021, 2:42 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में आज (सोमवार) जनहित याचिका दायर (PIL filed) कर किन्नरों के लिए अलग शौचालय बनाने का निर्देश (toilet instructions) अधिकारियों को देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि उनके लिए अलग शौचालय आवश्यक हैं ताकि वे यौन हमले और उत्पीड़न (sexual assault and harassment) का शिकार नहीं बनें.

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस याचिका पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिण और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किये हैं. इन सभी को 13 सितंबर से पहले नोटिस के जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि लैंगिक आधार पर शौचालय नहीं होना उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ है.

पढ़ें-गुजरात की पहली ट्रांसजेंडर महिला अलीशा पटेल को मिला पहचान पत्र

प्राधिकरणों के वकील ने निर्देश हासिल करने और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 सितंबर तय की.

कानून की अंतिम वर्ष की छात्रा जसमीन कौर छाबड़ा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने धन जारी कर दिया है, लेकिन दिल्ली में किन्नरों या तृतीय लिंगी समुदाय के लिए अलग शौचालय नहीं बनाए गए हैं.

इसमें बताया गया है कि मैसूर, भोपाल और लुधियाना में उनके लिए अलग शौचालय पहले ही बनाए जा चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक इस दिशा में पहल नहीं की गई है.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में आज (सोमवार) जनहित याचिका दायर (PIL filed) कर किन्नरों के लिए अलग शौचालय बनाने का निर्देश (toilet instructions) अधिकारियों को देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि उनके लिए अलग शौचालय आवश्यक हैं ताकि वे यौन हमले और उत्पीड़न (sexual assault and harassment) का शिकार नहीं बनें.

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने इस याचिका पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, दिल्ली सरकार, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिण और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किये हैं. इन सभी को 13 सितंबर से पहले नोटिस के जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि लैंगिक आधार पर शौचालय नहीं होना उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ है.

पढ़ें-गुजरात की पहली ट्रांसजेंडर महिला अलीशा पटेल को मिला पहचान पत्र

प्राधिकरणों के वकील ने निर्देश हासिल करने और जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 13 सितंबर तय की.

कानून की अंतिम वर्ष की छात्रा जसमीन कौर छाबड़ा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने धन जारी कर दिया है, लेकिन दिल्ली में किन्नरों या तृतीय लिंगी समुदाय के लिए अलग शौचालय नहीं बनाए गए हैं.

इसमें बताया गया है कि मैसूर, भोपाल और लुधियाना में उनके लिए अलग शौचालय पहले ही बनाए जा चुके हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक इस दिशा में पहल नहीं की गई है.

Last Updated : Jul 26, 2021, 2:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.