तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस के प्रतिबंध को नजरअंदाज करते हुए केरलियम सेमिनार में भाग लिया. मणिशंकर अय्यर ने सेमिनार स्थल पर केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें केरलियम सेमिनार में भाग नहीं लेने के लिए कहा था. कांग्रेस समेत विपक्ष केरलीयम कार्यक्रमों का बहिष्कार कर रहा है. कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि जब केरल कर्ज के जाल में फंसा है तो एलडीएफ सरकार पैसे की बर्बादी कर रही है.
वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने केरल में कांग्रेस नेताओं के राजनीतिक रुख को खारिज करते हुए सेमिनार में हिस्सा लिया. इसने कांग्रेस नेतृत्व को बड़ी शर्मिंदगी में डाल दिया है. मणिशंकर अय्यर ने खुले तौर पर स्वीकार किया कि नेताओं ने उनसे केरलियम सेमिनार में भाग न लेने के लिए कहा था. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मंच पर राजनीति की बात करने नहीं आए हैं. इसलिए उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. सेमिनार में बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने स्थानीय स्वशासन की केरल शैली की भी प्रशंसा की.
केरल में स्थानीय सरकार पर सेमिनार स्थानीय सरकार विभाग की ओर से केरलियम के चौथे दिन सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित किया गया था. मणिशंकर अय्यर ने कहा कि केरल एक अलग राज्य है और केरल एक ऐसा राज्य है जहां सत्ता के विकेंद्रीकरण को सटीकता के साथ लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि केरल में ग्राम सभाएं खुली चर्चा का मंच हैं. उन्होंने सेमिनार स्थल पर अपने भाषण को यह कहकर समाप्त किया कि उन्होंने राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए सेमिनार में भाग लिया, जिन्होंने पंचायती राज लागू किया था.
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उन्होंने कहा कि हर आंख से आंसू पोंछने के लिए पंचायती राज लागू करना राजीव गांधी का सपना था. केरल एकमात्र राज्य है जो इस उपलब्धि के करीब है. यूडीएफ और एलडीएफ सरकारें वैकल्पिक अंतराल में केरल पर शासन कर रही हैं. केरल की आबादी का एक बड़ा हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहता है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि शहरी क्षेत्र में भी पंचायती राज प्रणाली ठीक से लागू हो व्यवस्था को लगातार अपडेट किये जाने की जरूरत है.