ETV Bharat / bharat

कश्मीर में सुरक्षा के हालात वैसे ही हैं, जैसे धारा 370 हटने से पहले थे: राजनीतिक दल

author img

By

Published : Mar 15, 2022, 10:09 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 10:38 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद सामान्य स्थिति हासिल हुई है. जबकि इससे पहले ऐसा नहीं था. हालांकि कश्मीर की राजनैतिक पार्टियों का दावा इससे इतर है.

Security situation in Kashmir
सुरक्षा कश्मीर

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करते हुए 2010 से पथराव की घटनाओं के बारे में आंकड़े साझा किए और कहा कि इस तरह की घटनाओं में भारी गिरावट आई है.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 के सामान्य स्थिति नहीं थी लेकिन अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद हालात सामान्य हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में 890 केंद्रीय कानून लागू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं में 90% की कमी देखी गई है क्योंकि यह 2020 में 900 से घटकर 2021 में 98 हो गया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद व घुसपैठ में भी काफी गिरावट आई है.

कश्मीर में सुरक्षा के हालात वैसे ही हैं, जैसे धारा 370 हटने से पहले थे: राजनीतिक दल

हालांकि वित्त मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए क्षेत्रीय राजनीतिक दलों और पंचायत सदस्यों ने कहा कि सुरक्षा सुधार के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं. पूर्व मंत्री और अपनी पार्टी के नेता ने गुलाम हसन मीर (Ghulam Hassan Mir) ने ईटीवी भारत को बताया कि जब हम कानून-व्यवस्था और पथराव की घटनाओं से सुरक्षा देखते हैं, तो 5 अगस्त 2019 से इसमें सुधार जरुर हुआ है. लेकिन समग्र सुरक्षा स्थिति में इतना सुधार नहीं हुआ है कि हम इसे सामान्य स्थिति कह सकें.

वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता रउफ भट (Peoples Democratic Party leader Rauf Bhat) ने कहा कि वित्त मंत्री के कहे अनुसार अगर कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है, तो घाटी में नागरिकों की हत्या और हिंसक घटनाएं रोज की बात क्यों हो गई हैं. भट ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा पदचिह्न बढ़ा दिए गए हैं और हर गली, सड़क पर हम सुरक्षा बैरिकेड्स और चौकियां देख रहे हैं. अगर सामान्य स्थिति और सुरक्षा में सुधार हुआ है तो घाटी में सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति में वृद्धि क्यों हुई है.

यह भी पढ़ें- कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त बीजेपी के समर्थन वापस नहीं लेने पर क्या बोले गोविंदाचार्य

कश्मीर में पंचायत सदस्यों ने कहा कि उनके लिए सुरक्षा की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है क्योंकि उनके सहयोगियों को अक्सर आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जाता है. एक सरपंच गुलाम हसन पंजू (Sarpanch Ghulam Hassan Panju) ने ईटीवी को बताया कि पिछले हफ्ते कश्मीर में हमारे तीन साथियों की हत्या कर दी गई. प्रशासन का यह भी दावा है कि पंचायत सदस्य सुरक्षित जगहों पर हैं लेकिन जमीनी हकीकत दावों से अलग है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन पंचायत सदस्यों और छुट्टी पर गए दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई जिससे लोगों में भय व्याप्त है.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए बजट पेश करते हुए 2010 से पथराव की घटनाओं के बारे में आंकड़े साझा किए और कहा कि इस तरह की घटनाओं में भारी गिरावट आई है.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 के सामान्य स्थिति नहीं थी लेकिन अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद हालात सामान्य हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में 890 केंद्रीय कानून लागू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाओं में 90% की कमी देखी गई है क्योंकि यह 2020 में 900 से घटकर 2021 में 98 हो गया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद व घुसपैठ में भी काफी गिरावट आई है.

कश्मीर में सुरक्षा के हालात वैसे ही हैं, जैसे धारा 370 हटने से पहले थे: राजनीतिक दल

हालांकि वित्त मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए क्षेत्रीय राजनीतिक दलों और पंचायत सदस्यों ने कहा कि सुरक्षा सुधार के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं. पूर्व मंत्री और अपनी पार्टी के नेता ने गुलाम हसन मीर (Ghulam Hassan Mir) ने ईटीवी भारत को बताया कि जब हम कानून-व्यवस्था और पथराव की घटनाओं से सुरक्षा देखते हैं, तो 5 अगस्त 2019 से इसमें सुधार जरुर हुआ है. लेकिन समग्र सुरक्षा स्थिति में इतना सुधार नहीं हुआ है कि हम इसे सामान्य स्थिति कह सकें.

वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता रउफ भट (Peoples Democratic Party leader Rauf Bhat) ने कहा कि वित्त मंत्री के कहे अनुसार अगर कश्मीर में स्थिति में सुधार हुआ है, तो घाटी में नागरिकों की हत्या और हिंसक घटनाएं रोज की बात क्यों हो गई हैं. भट ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सुरक्षा पदचिह्न बढ़ा दिए गए हैं और हर गली, सड़क पर हम सुरक्षा बैरिकेड्स और चौकियां देख रहे हैं. अगर सामान्य स्थिति और सुरक्षा में सुधार हुआ है तो घाटी में सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति में वृद्धि क्यों हुई है.

यह भी पढ़ें- कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त बीजेपी के समर्थन वापस नहीं लेने पर क्या बोले गोविंदाचार्य

कश्मीर में पंचायत सदस्यों ने कहा कि उनके लिए सुरक्षा की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है क्योंकि उनके सहयोगियों को अक्सर आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जाता है. एक सरपंच गुलाम हसन पंजू (Sarpanch Ghulam Hassan Panju) ने ईटीवी को बताया कि पिछले हफ्ते कश्मीर में हमारे तीन साथियों की हत्या कर दी गई. प्रशासन का यह भी दावा है कि पंचायत सदस्य सुरक्षित जगहों पर हैं लेकिन जमीनी हकीकत दावों से अलग है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन पंचायत सदस्यों और छुट्टी पर गए दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई जिससे लोगों में भय व्याप्त है.

Last Updated : Mar 15, 2022, 10:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.