नई दिल्ली: सुरक्षा एजेंसियां झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में माओवादियों के पूरी तरह से सफाए के लिए तैयार हैं. सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बल पहले से ही कार्य योजना को मूर्त रूप दे रहे हैं. माओवादियों को तगड़ा झटका देने के लिए बल लगभग अंतिम चरण में हैं (Security forces ready for final strike against Maoists).
अधिकारी ने कहा, 'माओवादियों के खिलाफ हमारी कार्रवाई अपने चरम पर है और बल कोल्हान में सभी नक्सलियों को उनके ठिकाने से बाहर निकालने की अपनी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है.'
झारखंड में कोल्हान नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. नक्सली कोल्हान में विभिन्न ठिकानों से सुरक्षा बलों के खिलाफ अपनी कार्ययोजना को अंजाम देते हैं. अधिकारी ने कहा, 'अगर हम कोल्हान को माओवादियों से मुक्त कर सकते हैं, तो यह भारत के नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता होगी.' दरअसल, झारखंड सरकार ने हाल ही में हरियाणा के सूरजकुंड में संपन्न हुए चिंतन शिविर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नक्सल विरोधी अभियान से जुड़े सारे घटनाक्रम से अवगत कराया है. हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बुरापहार (Burapahar) को माओवादियों से मुक्त कराया है.
झारखंड पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने इस संवाददाता को बताया कि 2000 से 2022 के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी हासिल की.
इस अवधि के दौरान 1224 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 93 शीर्ष नक्सल कमांडर, एक शीर्ष पोलित ब्यूरो सदस्य (प्रशांत बोस उर्फ किशन दा), एक केंद्रीय समिति सदस्य (Shila di), तीन विशेष क्षेत्र समिति सदस्य, एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, 12 जोनल कमांडर, 25 सब-जोनल कमांडर और 51 एरिया कमांडर शामिल हैं.
गिरफ्तार किए गए सभी नक्सली नेताओं पर 2.38 करोड़ रुपये का इनाम था. इसी अवधि के दौरान झारखंड में सुरक्षा बलों के सामने 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें एक विशेष क्षेत्र समिति सदस्य बिमल यादव, एक क्षेत्रीय समिति सदस्य, चार जोनल कमांडर, 11 सब-जोनल कमांडर और 12 एरिया कमांडर शामिल थे.
सुरक्षा बलों ने इसी अवधि के दौरान मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को भी मार गिराया और उनके कब्जे से 961 आईईडी बरामद किए. अधिकारी ने कहा, 'हम मनोवैज्ञानिक युद्ध में नक्सलियों को शामिल करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. हम नक्सलियों के वर्चस्व वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को माओवादियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं.' गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दावा किया है कि बिहार और माओवादी माओवादियों से मुक्त हैं.
पढ़ें- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में FOB के पास हेलीपैड बनाने को सरकार ने दी हरी झंडी