नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों ने खुफिया इनपुट मिलने के बाद तलाशी अभियान को तेज कर दिया है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन अमरनाथ यात्रा से पहले आतंक पैदा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस संबंध में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर घाटी में रोजाना कम से कम 20 तलाशी अभियान चलाती हैं. उन्होंने कहा कि हमें खुफिया सूचनाएं मिलती रहती हैं कि भारत की सुरक्षा के प्रति दुश्मनों के द्वारा कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के अलावा जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.
वहीं आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से अभी तक जम्मू-कश्मीर में विभिन्न संगठनों के 91 आतंकवादी मारे जा चुके हैं. बता दें कि मई में सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा चलाए गए 17 आतंकवाद विरोधी अभियान में 27 आतंकियों को मार गिराया गया. इस बारे में सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि मई के महीने में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच 17 मुठभेड़ हुई. इस दौरान कम से कम 20 स्थानीय और सात विदेशी आतंकवादी मारे गए.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन नागरिकों और दो सुरक्षा कर्मियों की टारगेट हत्या भी मई महीने में ही की. चूंकि आतंकवाद विरोधी अभियानों में मारे गए अधिकांश आतंकवादी स्थानीय हैं, इसलिए यह बात फिर से सामने आई है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन स्थानीय लोगों की भर्ती कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा, विभिन्न आतंकी संगठनों में स्थानीय लोगों की भर्ती वास्तव में हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है. आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में 20 आतंकवादी मारे गए, फरवरी में सात, मार्च में 13 और अप्रैल के महीने में जम्मू-कश्मीर में 24 आतंकवादी भी मारे जा चुके हैं. अधिकारी ने कहा, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए ज्यादातर आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन के थे.
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