तेजपुर (असम): मणिपुर में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए करीब 1300 करोड़ की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त की हैं. माना जा रहा है कि इन प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री से मिलने वाला फंड उग्रवादी समूहों को दिया जाना था. रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा है कि सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई ने उग्रवाद समूहों की कमर तोड़ने का काम किया है.
लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा है हमारे सुरक्षा बलों द्वारा प्रतिबंधित समूहों के कैडरों को आत्मसमर्पण के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. कर्नल रावत ने कहा कि सुरक्षा बलों और मणिपुर राज्य सरकार ने स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में अपने प्रयास तेज किए हैं. वास्तव में यह मणिपुर में सभी प्रतिबंधित समूहों के लिए एंडगेम की शुरुआत है, जो मणिपुर में बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं. इसके साथ ही सरेंडर करने वाले कैडरों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
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मणिपुर में सुरक्षा बलों के अभियानों की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 2 वर्षों में लगभग 370 लोगों पर कार्रवाई की गई है. इसके अलावा सुरक्षा बलों ने 90 कैडरों को सरेंडर कराया है. साथ ही पीएलए के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने 100 से ज्यादा कैडरों पर कार्रवाई की है. अब 1300 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवाइयों की बरामदगी से उग्रवादियों को मिलने वाले फंड को रोका गया है. इससे पहले 8 अप्रैल को उल्फा (आई) के एक कैडर ने असम राइफल्स और तिनसुकिया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.