नई दिल्ली: शाहबाद डेयरी इलाके में नाबालिग की बेरहमी से हत्या किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. इस मामले में अब पॉक्सो की धाराएं भी लगाई जा सकती है. बुधवार को नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) की टीम ने शाहबाद डेयरी इलाके में पीड़ित लड़की के घर का दौरा किया और उसके माता-पिता से मुलाकात की. एनसीपीसीआर की टीम ने काफी देर तक वहां रहकर पूरे इलाके में लोगों से बातचीत की. टीम उस जगह भी गई, जहां पर लड़की की हत्या की गई थी.
एनसीपीसीआर के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने बताया कि टीम ने जो ऑब्जर्वेशन किया है और लोगों से जो बातचीत की है. उसके आधार पर पता चला है कि इस मामले में पॉक्सो की धाराएं भी लगाई जानी चाहिए थी. पुलिस ने पॉक्सो की धारा नहीं लगाई है.
उन्होंने कहा कि पॉक्सो की धाराएं लगाने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा जाएगा. कानूनगो ने बताया कि मामले में पॉक्सो अधिनियम के उल्लंघन की बात सामने आई है. हालांकि, यह पूछे जाने पर कि किस आधार पर पॉक्सो लगाया जाएगा और किन किन धाराओं को जोड़ा जाएगा, कानूनगो ने कहा कि पुलिस को नोटिस भेजकर जानकारी ली जाएगी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी ली जाएगी.
इसलिए बन सकता है पॉक्सो का मामला: दरअसल, साहिल खान के हमले में मारी गई लड़की नाबालिग थी. इस वक्त उसकी उम्र 16 साल थी. जांच में पता चला है कि वह साहिल खान से करीब तीन साल से बात कर रही थी. यानी उस वक्त उसकी उम्र 14 साल के आसपास रही होगी. पीड़िता की एक सहेली ने बताया है कि जब से उसने साहिल से बात करना बंद किया तब से उसने उसका पीछा करने लगा था. इसके अलावा भी कई ऐसे ग्राउंड हैं, जिनके आधार पर पॉक्सो की धाराएं लगाई जा सकती है. एनसीपीसीआर की टीम यह भी पता लगा रही है कि पीड़िता अपनी सहेली के घर ही रह रही थी या उसने अपने घर झूठ बोलकर साहिल के साथ रह रही थी. यदि ऐसा पाया गया तो भी पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.
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महिला आयोग भी कर चुका फांसी की मांग: इसे पहले दिल्ली महिला आयोग ने मामले की तेजी से सुनवाई करने और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है. मंगलवार को आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी थी. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और 6 माह के अंदर आरोपी को फांसी की सजा सुनाई जानी चाहिए.
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