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One Nation One Elections : वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बैठक, विधि आयोग ने कहा- 2024 के चुनाव में इसे लागू कर पाना मुश्किल

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By ANI

Published : Oct 25, 2023, 8:38 PM IST

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (former President Ram Nath Kovind) की अध्यक्षता में वन नेशन वन इलेक्शन की बैठक में विधि आयोग ने कानूनी और संवैधानिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी. आयोग ने बताया कि फिलहाल 2024 के चुनाव में इसको लागू करना मुश्किल होगा. पढ़िए पूरी खबर... one nation one election, Law Commission

Meeting regarding One Nation, One Election
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बैठक

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (former President Ram Nath Kovind) की अध्यक्षता में ' वन नेशन वन इलेक्शन' पर समिति की दूसरी बैठक बुधवार को हुई. बैठक में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद रहे.

सूत्रों के मुताबिक दूसरी बैठक में विधि आयोग को बुलाया गया और 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर प्रेजेंटेशन दिया गया. बैठक के दौरान वन नेशन, वन इलेक्शन के क्रियान्वयन को लेकर सभी कानूनी और संवैधानिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान विधि आयोग ने बताया कि फिलहाल 2024 के चुनाव में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू किया जाना मुश्किल है, हालांकि 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. लेकिन उससे पहले संविधान में करना होगा.

  • The High-Level Committee constituted by the Government under the chairpersonship of former President Ram Nath Kovind to examine the issue relating to holding of simultaneous elections in the country and make recommendations thereon held its second meeting here today.

    The… pic.twitter.com/JoE9vGTowi

    — ANI (@ANI) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • #WATCH दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति की बैठक संपन्न हुई। pic.twitter.com/n2qm08fj9s

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सितंबर में ' वन नेशन वन इलेक्शन' के मुद्दे की जांच करने और देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्हें उच्च-स्तरीय समिति का सदस्य भी नामित किया गया था, ने पैनल में काम करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसके संदर्भ की शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं. वन नेशन वन इलेक्शन के पीछे पूरे देश में चुनावों की आवृत्ति को कम करने के लिए सभी राज्यों में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के समय को समकालिक करना है.यह अवधारणा 1967 तक प्रचलित थी, लेकिन दलबदल, बर्खास्तगी और सरकार के विघटन जैसे विभिन्न कारणों से यह बाधित हो गई.

ये भी पढ़ें - One Nation One Election : एक साथ चुनाव पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए कोई समयसीमा नहीं : विधि आयोग के अध्यक्ष

नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (former President Ram Nath Kovind) की अध्यक्षता में ' वन नेशन वन इलेक्शन' पर समिति की दूसरी बैठक बुधवार को हुई. बैठक में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद रहे.

सूत्रों के मुताबिक दूसरी बैठक में विधि आयोग को बुलाया गया और 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर प्रेजेंटेशन दिया गया. बैठक के दौरान वन नेशन, वन इलेक्शन के क्रियान्वयन को लेकर सभी कानूनी और संवैधानिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान विधि आयोग ने बताया कि फिलहाल 2024 के चुनाव में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू किया जाना मुश्किल है, हालांकि 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. लेकिन उससे पहले संविधान में करना होगा.

  • The High-Level Committee constituted by the Government under the chairpersonship of former President Ram Nath Kovind to examine the issue relating to holding of simultaneous elections in the country and make recommendations thereon held its second meeting here today.

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  • #WATCH दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' समिति की बैठक संपन्न हुई। pic.twitter.com/n2qm08fj9s

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बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सितंबर में ' वन नेशन वन इलेक्शन' के मुद्दे की जांच करने और देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्हें उच्च-स्तरीय समिति का सदस्य भी नामित किया गया था, ने पैनल में काम करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इसके संदर्भ की शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं. वन नेशन वन इलेक्शन के पीछे पूरे देश में चुनावों की आवृत्ति को कम करने के लिए सभी राज्यों में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के समय को समकालिक करना है.यह अवधारणा 1967 तक प्रचलित थी, लेकिन दलबदल, बर्खास्तगी और सरकार के विघटन जैसे विभिन्न कारणों से यह बाधित हो गई.

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