ETV Bharat / bharat

ड्रग्स तस्करी का जरिया बने बंदरगाह, नहीं थम रही नशा तस्करी - नहीं थम रही नशा तस्करी

देश में साल दर साल ड्रग्स की तस्करी बढ़ती जा रही है. ड्र्ग्स तस्करी का सबसे बड़ा जरिया बंदरगाह बन गए हैं (drug trafficking). एनसीबी बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी कर भी रही है, लेकिन इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

drug trafficking
ड्रग्स तस्करी का जरिया बने बंदरगाह
author img

By

Published : Dec 15, 2022, 5:37 PM IST

नई दिल्ली: भले ही भारत की कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन देश के समुद्री बंदरगाह ड्रग माफिया के लिए एक प्रमुख जरिया बन गए हैं (drug trafficking). अधिकारियों के अनुसार केरल, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, गुजरात में बंदरगाह ऐसे प्रमुख मार्ग हैं जिनका उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया अपना कारोबार चला रहे हैं.

खुफिया सूचनाओं के आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) पूरे भारत के विभिन्न समुद्री बंदरगाहों में तलाशी लेता रहता है. ईटीवी भारत के पास उपलब्ध आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि एनसीबी द्वारा पांच राज्यों में समुद्री बंदरगाहों से 5,078.06 करोड़ रुपये मूल्य की 3,721.825 किलोग्राम गैरकानूनी ड्रग्स (illicit drugs) जब्त की गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने इस सिलसिले में 43 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एनसीबी ने केरल से दो अलग-अलग मामलों में 1,274 करोड़ रुपये की 637 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है, जहां 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

एनसीबी ने 2020 में तमिलनाडु से दो अलग-अलग मामलों में 306.66 करोड़ रुपये मूल्य की 114.385 किलोग्राम हेरोइन और एटीएस जब्त की है. इस सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

इसी तरह 2019 में पश्चिम बंगाल में बंदरगाहों से 371.5 किलोग्राम मेथामफेटामाइन, केटामाइन और एटीएस और किटामाइन का मिश्रण जब्त किया गया है, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप में बंदरगाहों से 924.8 करोड़ रुपये मूल्य का 1156 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया गया है. दोनों जगहों से छह-छह विदेशी पकड़े गए हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2017 में गुजरात में समुद्री बंदरगाहों से दो अलग-अलग मामलों में 2,460 करोड़ रुपये की 1,443 किलोग्राम हेरोइन और मॉर्फिन जब्त की गई है. इन दोनों मामलों में 13 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2021 में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर अफगानिस्तान से लाई गई 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'ज्यादातर मामलों में यह पाया गया है कि विदेशी जमी से पैदा होने वाली ड्रग्स को समुद्री मार्ग से भेजा जाता है.' एनसीबी ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तालमेल करता है. इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स). सार्क ड्रग अपराध निगरानी डेस्क (एसडीओएमडी), कोलंबो प्लान, एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन (आसियान) के वरिष्ठ अधिकारियों से तालमेल शामिल है.

यही नहीं ड्रग मामलों पर आसियान के वरिष्ठ अधिकारी (एएसओडी), बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) और अन्य संगठनों को ट्रांस नेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सूचना और खुफिया जानकारी साझा की जाती है.

पढ़ें- 2022 में जब्त 84% कोकीन और 55% हेरोइन की तस्करी समुद्री मार्ग से हुई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: भले ही भारत की कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन देश के समुद्री बंदरगाह ड्रग माफिया के लिए एक प्रमुख जरिया बन गए हैं (drug trafficking). अधिकारियों के अनुसार केरल, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, गुजरात में बंदरगाह ऐसे प्रमुख मार्ग हैं जिनका उपयोग करके अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया अपना कारोबार चला रहे हैं.

खुफिया सूचनाओं के आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) पूरे भारत के विभिन्न समुद्री बंदरगाहों में तलाशी लेता रहता है. ईटीवी भारत के पास उपलब्ध आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि एनसीबी द्वारा पांच राज्यों में समुद्री बंदरगाहों से 5,078.06 करोड़ रुपये मूल्य की 3,721.825 किलोग्राम गैरकानूनी ड्रग्स (illicit drugs) जब्त की गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने इस सिलसिले में 43 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल एनसीबी ने केरल से दो अलग-अलग मामलों में 1,274 करोड़ रुपये की 637 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है, जहां 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

एनसीबी ने 2020 में तमिलनाडु से दो अलग-अलग मामलों में 306.66 करोड़ रुपये मूल्य की 114.385 किलोग्राम हेरोइन और एटीएस जब्त की है. इस सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

इसी तरह 2019 में पश्चिम बंगाल में बंदरगाहों से 371.5 किलोग्राम मेथामफेटामाइन, केटामाइन और एटीएस और किटामाइन का मिश्रण जब्त किया गया है, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप में बंदरगाहों से 924.8 करोड़ रुपये मूल्य का 1156 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया गया है. दोनों जगहों से छह-छह विदेशी पकड़े गए हैं.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2017 में गुजरात में समुद्री बंदरगाहों से दो अलग-अलग मामलों में 2,460 करोड़ रुपये की 1,443 किलोग्राम हेरोइन और मॉर्फिन जब्त की गई है. इन दोनों मामलों में 13 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2021 में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर अफगानिस्तान से लाई गई 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'ज्यादातर मामलों में यह पाया गया है कि विदेशी जमी से पैदा होने वाली ड्रग्स को समुद्री मार्ग से भेजा जाता है.' एनसीबी ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तालमेल करता है. इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स). सार्क ड्रग अपराध निगरानी डेस्क (एसडीओएमडी), कोलंबो प्लान, एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन (आसियान) के वरिष्ठ अधिकारियों से तालमेल शामिल है.

यही नहीं ड्रग मामलों पर आसियान के वरिष्ठ अधिकारी (एएसओडी), बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) और अन्य संगठनों को ट्रांस नेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सूचना और खुफिया जानकारी साझा की जाती है.

पढ़ें- 2022 में जब्त 84% कोकीन और 55% हेरोइन की तस्करी समुद्री मार्ग से हुई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.