नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन की तीसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी बनाने की वकालत की. गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी कर रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने की भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग के लिए एससीओ सदस्यों का समर्थन मांगा. विदेश मंत्री ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि एससीओ के सुधार और आधुनिकीकरण के मुद्दों पर चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है.
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मैं भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग के लिए सदस्य देशों का समर्थन भी चाहता हूं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा बनाने से अंग्रेजी बोलने वाले सदस्य देश अच्छे से जुड़ पायेंगे. उन्होंने कहा कि कई देश जो सदस्य या संवाद भागीदार के रूप में एससीओ में शामिल होंगे. वे वर्तमान की दो आधिकारिक भाषाओं - रूसी और चीनी की तुलना में अंग्रेजी से अधिक परिचित होंगे. इसके अलावा, जयशंकर ने शुक्रवार को एससीओ के सुधार और आधुनिकीकरण पर जोर दिया. जो अपने अस्तित्व के तीसरे दशक में है.
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में संगठन को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सुधार और आधुनिकीकरण को अपनाने का एक उपयुक्त समय आ गया है. सुधार और आधुनिकीकरण पर चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए भारत अपना सक्रिय और रचनात्मक समर्थन देगा. उन्होंने कहा कि एससीओ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कहा भारत ने एससीओ पर्यवेक्षकों और संवाद भागीदारों को 14 से अधिक सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करके उनके साथ एक अभूतपूर्व जुड़ाव शुरू किया है.
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