नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 महामारी और यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न वैश्विक ऊर्जा और खाद्य संकट को दूर करने की तत्काल आवश्यकता है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, पाकिस्तान के उनके समकक्ष बिलावल भुट्टो की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा कि सभी तरह के आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए. जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में यह टिप्पणी की.
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Participated in the SCO Foreign Ministers’ Meeting at Tashkent.
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Highlighted that world faces an energy and food crisis due to disruptions from the Covid pandemic and Ukraine conflict. This needs to be urgently addressed. pic.twitter.com/jKRRE8Ca7L
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आठ देशों के समूह की विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में अपने संबोधन में जयशंकर ने एससीओ के आर्थिक भविष्य के लिए चाबहार बंदरगाह की क्षमताओं को भी रेखांकित किया. जयशंकर ने एससीओ की बैठक में कहा कि वैश्विक ऊर्जा और खाद्य संकट का समाधान करने की तत्काल आवश्यकता है. सम्मेलन में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भी भाग लिया. उन्होंने 15-16 सितंबर को समरकंद में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की. शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और समूह के अन्य नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है.
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जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ताशकंद में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया. इस बात पर प्रकाश डाला कि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष से व्यवधानों के कारण दुनिया एक ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रही है. तत्काल इसका समाधान करने की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी प्रारूपों के प्रति शून्य सहनशीलता जरूरी है.
(पीटीआई-भाषा)