भोपाल: कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की आग अब मध्य प्रदेश तक आ पहुंची है. हाल ही में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार(School Education Minister Inder Singh on Hijab) ने भी हिजाब को लेकर बयान दिया. उन्होंने पहले कहा है कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है और मध्य प्रदेश के स्कूलों में यूनिफॉर्म के हिसाब से ही बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. उनके इस बयान पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि देश संविधान के हिसाब से चलेगा. वहीं राज्य के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड से इतर कुछ भी मंजूर नहीं. जो भी इसका उल्लंघन करेगा उस पर एक्शन होगा.
बैन लगा तो जाएंगे कोर्ट- आरिफ मसूद
वहीं शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक ने कड़ा ऐतराज जताया है, उन्होंने कहा कि 70 सालों से लड़कियां स्कूल में हिजाब पहन रही हैं. इसे बैन करने का सवाल ही नहीं उठता. ये देश संविधान और गांधी जी विचारधारा से चलेगा, ना कि गोडसे और आपके शब्दों से. कांग्रेस विधायक ने ये भी कहा कि अगर प्रतिबंध लगा तो कोर्ट का दरवाजा खुला है.
बयान से पलटे शिक्षा मंत्री
हिजाब को लेकर पहले से ही विवाद गहराया हुआ है. वहीं इस पर बयान देकर फंसने की आशंका को देखते हुए कुछ ही देर में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने बयान से पलट गए. मंत्री परमार ने अपने ऑफिशियल मीडिया विभाग से बयान जारी करते हुए स्कूलों में ड्रेस कोड की बात तो कही. लेकिन हिजाब, यह शब्द का उपयोग बिना किए हुए. उन्होंने सिर्फ ड्रेस कोड लागू करने की बात कही.
कर्नाटक में जोरदार विरोध
गौरतलब है कि हिजाब को लेकर सारा विवाद जनवरी में शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी इसे पहनकर आईं. इस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया जिससे कई जगहों पर पठन पाठन भी प्रभावित हो रहा है.