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हिजाब विवाद: मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री ने हिजाब पर दिया विवादित बयान - इंदर सिंह परमार

कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसको लेकर अब एमपी में भी राजनीति गरमाने लगी है. हाल ही में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हिजाब, स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं हो सकता, इसे बैन किया जायेगा. इस बयान पर कांग्रेस विधायक आरीफ मसूद ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा और बैन लगा तो वे कोर्ट जाएंगे.

School Education Minister Inder Singh
स्कूल शिक्षा मंत्री ने हिजाब पर दिया विवादित बयान
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Published : Feb 9, 2022, 12:31 PM IST

भोपाल: कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की आग अब मध्य प्रदेश तक आ पहुंची है. हाल ही में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार(School Education Minister Inder Singh on Hijab) ने भी हिजाब को लेकर बयान दिया. उन्होंने पहले कहा है कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है और मध्य प्रदेश के स्कूलों में यूनिफॉर्म के हिसाब से ही बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. उनके इस बयान पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि देश संविधान के हिसाब से चलेगा. वहीं राज्य के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड से इतर कुछ भी मंजूर नहीं. जो भी इसका उल्लंघन करेगा उस पर एक्शन होगा.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया विवादित बयान
हिजाब स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा नहींकर्नाटक में हिजाब को लेकर उपजे विवाद के बाद अब देशभर में कई स्कूल और कॉलेजों में इसे लेकर विवाद छिड़ गया है. कई स्कूल-कॉलेज में छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही हैं, तो उनके विरोध में कई छात्राएं भगवा भी लहरा रही हैं. मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उपजे विवाद के बीच मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान में कहा कि, स्कूल में यूनिफार्म के अलावा कोई और चीज नहीं पहनी जा सकती. ऐसे में यह जानकारी निकाली जा रही है कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में क्या स्थिति है. हिजाब स्कूल यूनिफार्म में नहीं आता है.
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद
परंपरा का पालन घरों तकइंदर सिंह परमार ने कहा कि देश में योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा को गलत पेश करने की कोशिश की जा रही है. भारत की मान्यता है कि जिस परंपरा में लोग निवास करते हैं, उसका वह अपने घरों तक पालन करें. स्कूलों में हमने जो ड्रेस कोड लागू किया है, उसका पालन करना चाहिए. उन्होंने विवाद पर कहा कि एक प्रकार से जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है. साथ ही कहा कि जिस स्कूल का जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही यूनिफार्म पहन कर आये तो ही अच्छा होगा और सभी को अनुशासन का पालन होगा.

बैन लगा तो जाएंगे कोर्ट- आरिफ मसूद
वहीं शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक ने कड़ा ऐतराज जताया है, उन्होंने कहा कि 70 सालों से लड़कियां स्कूल में हिजाब पहन रही हैं. इसे बैन करने का सवाल ही नहीं उठता. ये देश संविधान और गांधी जी विचारधारा से चलेगा, ना कि गोडसे और आपके शब्दों से. कांग्रेस विधायक ने ये भी कहा कि अगर प्रतिबंध लगा तो कोर्ट का दरवाजा खुला है.

बयान से पलटे शिक्षा मंत्री
हिजाब को लेकर पहले से ही विवाद गहराया हुआ है. वहीं इस पर बयान देकर फंसने की आशंका को देखते हुए कुछ ही देर में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने बयान से पलट गए. मंत्री परमार ने अपने ऑफिशियल मीडिया विभाग से बयान जारी करते हुए स्कूलों में ड्रेस कोड की बात तो कही. लेकिन हिजाब, यह शब्द का उपयोग बिना किए हुए. उन्होंने सिर्फ ड्रेस कोड लागू करने की बात कही.
कर्नाटक में जोरदार विरोध
गौरतलब है कि हिजाब को लेकर सारा विवाद जनवरी में शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी इसे पहनकर आईं. इस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया जिससे कई जगहों पर पठन पाठन भी प्रभावित हो रहा है.

यह भी पढ़ें- हिजाब विवाद पर बोलीं प्रियंका गांधी, बिकनी, घूंघट, जींस या हिजाब, महिलाओं को है कपड़े चुनने का अधिकार

भोपाल: कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की आग अब मध्य प्रदेश तक आ पहुंची है. हाल ही में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार(School Education Minister Inder Singh on Hijab) ने भी हिजाब को लेकर बयान दिया. उन्होंने पहले कहा है कि हिजाब स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है और मध्य प्रदेश के स्कूलों में यूनिफॉर्म के हिसाब से ही बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा. उनके इस बयान पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि देश संविधान के हिसाब से चलेगा. वहीं राज्य के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि स्कूल कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड से इतर कुछ भी मंजूर नहीं. जो भी इसका उल्लंघन करेगा उस पर एक्शन होगा.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया विवादित बयान
हिजाब स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा नहींकर्नाटक में हिजाब को लेकर उपजे विवाद के बाद अब देशभर में कई स्कूल और कॉलेजों में इसे लेकर विवाद छिड़ गया है. कई स्कूल-कॉलेज में छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही हैं, तो उनके विरोध में कई छात्राएं भगवा भी लहरा रही हैं. मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उपजे विवाद के बीच मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान में कहा कि, स्कूल में यूनिफार्म के अलावा कोई और चीज नहीं पहनी जा सकती. ऐसे में यह जानकारी निकाली जा रही है कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में क्या स्थिति है. हिजाब स्कूल यूनिफार्म में नहीं आता है.
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद
परंपरा का पालन घरों तकइंदर सिंह परमार ने कहा कि देश में योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा को गलत पेश करने की कोशिश की जा रही है. भारत की मान्यता है कि जिस परंपरा में लोग निवास करते हैं, उसका वह अपने घरों तक पालन करें. स्कूलों में हमने जो ड्रेस कोड लागू किया है, उसका पालन करना चाहिए. उन्होंने विवाद पर कहा कि एक प्रकार से जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है. साथ ही कहा कि जिस स्कूल का जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही यूनिफार्म पहन कर आये तो ही अच्छा होगा और सभी को अनुशासन का पालन होगा.

बैन लगा तो जाएंगे कोर्ट- आरिफ मसूद
वहीं शिक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस विधायक ने कड़ा ऐतराज जताया है, उन्होंने कहा कि 70 सालों से लड़कियां स्कूल में हिजाब पहन रही हैं. इसे बैन करने का सवाल ही नहीं उठता. ये देश संविधान और गांधी जी विचारधारा से चलेगा, ना कि गोडसे और आपके शब्दों से. कांग्रेस विधायक ने ये भी कहा कि अगर प्रतिबंध लगा तो कोर्ट का दरवाजा खुला है.

बयान से पलटे शिक्षा मंत्री
हिजाब को लेकर पहले से ही विवाद गहराया हुआ है. वहीं इस पर बयान देकर फंसने की आशंका को देखते हुए कुछ ही देर में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने बयान से पलट गए. मंत्री परमार ने अपने ऑफिशियल मीडिया विभाग से बयान जारी करते हुए स्कूलों में ड्रेस कोड की बात तो कही. लेकिन हिजाब, यह शब्द का उपयोग बिना किए हुए. उन्होंने सिर्फ ड्रेस कोड लागू करने की बात कही.
कर्नाटक में जोरदार विरोध
गौरतलब है कि हिजाब को लेकर सारा विवाद जनवरी में शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी. विवाद इस बात को लेकर था कि प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी इसे पहनकर आईं. इस विवाद के बाद से ही दूसरे कॉलेजों में भी हिजाब को लेकर बवाल शुरू हो गया जिससे कई जगहों पर पठन पाठन भी प्रभावित हो रहा है.

यह भी पढ़ें- हिजाब विवाद पर बोलीं प्रियंका गांधी, बिकनी, घूंघट, जींस या हिजाब, महिलाओं को है कपड़े चुनने का अधिकार

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