नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कारगिल क्षेत्र में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के लिए 10 सितंबर को होने वाली चुनाव अधिसूचना को रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने एक सितंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) 'हल' चुनाव चिह्न की हकदार है. एक सप्ताह में नये सिरे से अधिसूचना जारी करनी होगी.
शीर्ष अदालत ने जेकेएनसी को 'हल' चिन्ह आवंटित करने के विरोध में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि लद्दाख प्रशासन द्वारा जारी की गई पूरी चुनाव प्रक्रिया को रद्द किया जाता है. साथ ही उसपर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. जेकेएनसी मामला यह है कि 'हल' चिन्ह उसके लिए आरक्षित है क्योंकि इसे भारत के चुनाव आयोग द्वारा जम्मू -कश्मीर की राज्य पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के वकील ने तर्क दिया था कि जेकेएनसी लद्दाख में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी नहीं थी, इसलिए वह आरक्षित प्रतीक पर निहित अधिकार का दावा नहीं कर सकती थी.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने एनसी उम्मीदवारों को पार्टी के प्रतीक पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), कारगिल के लिए आगामी चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाले एकल पीठ के आदेश के खिलाफ लद्दाख प्रशासन की याचिका खारिज कर दी थी. प्रशासन ने 9 अगस्त के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था.