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नूपुर के खिलाफ न्यायालय की टिप्पणियों पर विपक्ष ने कहा : भाजपा का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए

पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है (SC remarks on Nupur Sharma). शीर्ष अदालत की टिप्पणी के बाद विपक्ष ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है.कांग्रेस ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. वहीं, भाकपा, टीएमसी समेत कई दलों ने भी भाजपा की आलोचना की है.

Nupur Sharma
नूपुर शर्मा
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Published : Jul 1, 2022, 9:14 PM IST

नई दिल्ली : पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर देश में 'गुस्सा और नफरत का माहौल' बनाने का आरोप लगाया. शीर्ष अदालत की एक पीठ ने शर्मा की टिप्पणियों के लिए उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि उनकी 'अनियंत्रित जुबान' ने ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है.' न्यायालय ने यह भी कहा कि 'देश में जो हो रहा है उसके लिए वह (शर्मा) अकेले जिम्मेदार हैं.'

कांग्रेस ने कहा कि पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी करके देश भर में भावनाओं को भड़काने के लिए शर्मा को जिम्मेदार ठहराकर शीर्ष अदालत ने सही किया है और सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. कांग्रसे नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि यह स्थिति केंद्र की सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बनाई है. राहुल ने कलपेट्टा में अपने कार्यालय का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह माहौल प्रधानमंत्री ने, गृहमंत्री ने, भाजपा और आरएसएस ने बनाया है...यह माहौल गुस्से और नफरत का है. ईमानदारी से कहूं तो देश में बना यह माहौल राष्ट्र विरोधी गतिविधि है.' गौरतलब है कि राहुल के इस कार्यालय में पिछले सप्ताह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'इस तरह का माहौल बनाना भारत और उसके लोगों के हितों के खिलाफ है. उन्होंने कहा, '...यह पूरी तरह से गलत है और यह त्रासदी साबित होगी.' पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी से 'विभाजनकारी विचाधाराओं' के खिलाफ लड़ने के कांग्रेस के संकल्प को बल मिला है. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण एवं दूरगामी टिप्पणियां की हैं. उन्होंने कहा, 'न्यायालय ने बिल्कुल सही कहा है कि भाजपा की प्रवक्ता देश में भावनाएं भड़काने के लिए अकेले जिम्मेदार हैं और उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.'

वाम दलों ने शीर्ष अदालत की टिप्पणियों को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा. भाकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि शब्दों से परे, अगर उच्चतम न्यायालय के अनुसार, शर्मा नफरत की बढ़ती घटनाओं और हिंसा के हालिया निंदनीय कार्यों की जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कानून के दायरे में शर्मा और उनके जैसे अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो गलत संदेश जाएगा. हम पाएंगे कि आरएसएस/भाजपा की नफरत की 'फैक्ट्री' और कटु टीवी डिबेट से उत्पन्न उनके जैसे और भी कई लोग पनप रहे हैं.'

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने ट्वीट किया, 'नूपुर शर्मा के लिए रेड कार्पेट तथा तीस्ता और श्रीकुमार के लिए जेल की कोठरी! शीर्ष अदालत की टिप्पणियों से मोदी सरकार को सतर्क रहना चाहिए. कट्टरता से प्रेरित गैर-जिम्मेदारी किसी प्रवक्ता की पहचान नहीं होनी चाहिए.' न्यायालय की टिप्पणियों के बाद टीवी चैनल से बात करते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र दिल्ली पुलिस पर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का दबाव बना रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कानून को अपना काम करने देने का आग्रह किया.

तृणमूल कांग्रेस ने की नूपुर की गिरफ्तारी की मांग : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने दिल्ली पुलिस से आग्रह किया कि वह पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता शर्मा को गिरफ्तार करे. उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'उच्चतम न्यायालय ने देश को आग में झोंकने के लिए अकेले नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके चलते उदयपुर में बर्बर तरीके से हुई हत्या का मामला सामने आया. किसी ने आपको (शर्मा) छूने का साहस नहीं किया जोकि आपकी ताकत को बताता है.' शाह और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए पार्टी ने आरोप लगाया, 'गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस का उन्हें (शर्मा को) संरक्षण प्रदान करना शर्मनाक है.'

पढ़ें- पैगंबर पर टिप्पणी के लिए नूपुर शर्मा को टीवी पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

ये भी पढ़ें - पैगंबर पर बयान: बंगाल विधानसभा में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पास

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर देश में 'गुस्सा और नफरत का माहौल' बनाने का आरोप लगाया. शीर्ष अदालत की एक पीठ ने शर्मा की टिप्पणियों के लिए उनकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि उनकी 'अनियंत्रित जुबान' ने ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है.' न्यायालय ने यह भी कहा कि 'देश में जो हो रहा है उसके लिए वह (शर्मा) अकेले जिम्मेदार हैं.'

कांग्रेस ने कहा कि पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी करके देश भर में भावनाओं को भड़काने के लिए शर्मा को जिम्मेदार ठहराकर शीर्ष अदालत ने सही किया है और सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी को शर्म से सिर झुकाना चाहिए. कांग्रसे नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि यह स्थिति केंद्र की सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बनाई है. राहुल ने कलपेट्टा में अपने कार्यालय का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह माहौल प्रधानमंत्री ने, गृहमंत्री ने, भाजपा और आरएसएस ने बनाया है...यह माहौल गुस्से और नफरत का है. ईमानदारी से कहूं तो देश में बना यह माहौल राष्ट्र विरोधी गतिविधि है.' गौरतलब है कि राहुल के इस कार्यालय में पिछले सप्ताह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'इस तरह का माहौल बनाना भारत और उसके लोगों के हितों के खिलाफ है. उन्होंने कहा, '...यह पूरी तरह से गलत है और यह त्रासदी साबित होगी.' पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी से 'विभाजनकारी विचाधाराओं' के खिलाफ लड़ने के कांग्रेस के संकल्प को बल मिला है. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने महत्वपूर्ण एवं दूरगामी टिप्पणियां की हैं. उन्होंने कहा, 'न्यायालय ने बिल्कुल सही कहा है कि भाजपा की प्रवक्ता देश में भावनाएं भड़काने के लिए अकेले जिम्मेदार हैं और उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.'

वाम दलों ने शीर्ष अदालत की टिप्पणियों को लेकर सरकार पर भी निशाना साधा. भाकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि शब्दों से परे, अगर उच्चतम न्यायालय के अनुसार, शर्मा नफरत की बढ़ती घटनाओं और हिंसा के हालिया निंदनीय कार्यों की जिम्मेदार हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'
उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर कानून के दायरे में शर्मा और उनके जैसे अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो गलत संदेश जाएगा. हम पाएंगे कि आरएसएस/भाजपा की नफरत की 'फैक्ट्री' और कटु टीवी डिबेट से उत्पन्न उनके जैसे और भी कई लोग पनप रहे हैं.'

भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने ट्वीट किया, 'नूपुर शर्मा के लिए रेड कार्पेट तथा तीस्ता और श्रीकुमार के लिए जेल की कोठरी! शीर्ष अदालत की टिप्पणियों से मोदी सरकार को सतर्क रहना चाहिए. कट्टरता से प्रेरित गैर-जिम्मेदारी किसी प्रवक्ता की पहचान नहीं होनी चाहिए.' न्यायालय की टिप्पणियों के बाद टीवी चैनल से बात करते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि केंद्र दिल्ली पुलिस पर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का दबाव बना रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कानून को अपना काम करने देने का आग्रह किया.

तृणमूल कांग्रेस ने की नूपुर की गिरफ्तारी की मांग : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने दिल्ली पुलिस से आग्रह किया कि वह पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता शर्मा को गिरफ्तार करे. उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'उच्चतम न्यायालय ने देश को आग में झोंकने के लिए अकेले नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके चलते उदयपुर में बर्बर तरीके से हुई हत्या का मामला सामने आया. किसी ने आपको (शर्मा) छूने का साहस नहीं किया जोकि आपकी ताकत को बताता है.' शाह और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए पार्टी ने आरोप लगाया, 'गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस का उन्हें (शर्मा को) संरक्षण प्रदान करना शर्मनाक है.'

पढ़ें- पैगंबर पर टिप्पणी के लिए नूपुर शर्मा को टीवी पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

ये भी पढ़ें - पैगंबर पर बयान: बंगाल विधानसभा में नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रस्ताव पास

(पीटीआई-भाषा)

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