नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग (political funding) के लिए चुनावी बॉन्ड योजना (Electoral Bonds Scheme) की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अब पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ (SC Refers To Constitution Bench) करेगी. सोमवार को शीर्ष अदालत ने इन याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेज दीं. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उन्हें एक आवेदन मिला है कि यह मामला जरूरी होने के कारण इसे निर्णायक फैसले के लिए बड़ी पीठ को भेजा जाना चाहिए.
पीठ ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी. इससे पहले, पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की इन दलीलों पर गौर किया था कि 2024 के आम चुनावों के लिए चुनावी बॉन्ड योजना शुरू होने से पहले इस मामले पर फैसला किए जाने की जरूरत है, जिसके बाद न्यायालय ने इसे अंतिम सुनवाई के लिए निर्धारित करने का फैसला किया था. इस मामले पर चार जनहित याचिकाएं लंबित हैं.
इनमें से एक याचिकाकर्ता ने मार्च में कहा था कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख राजनीतिक दल को गई है. राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत चुनावी बॉन्ड को दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया है.