नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज मरने के अधिकार वाले कानून (लिविंग विल) के संबंध में जारी दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. बता दें कि इसी साल सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने एक विविध आवेदन पर सुनवाई का फैसला किया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौ मार्च 2021 को दिए एक फैसले में जारी किए गए लिविंग विल या एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव की गाइडलाइंस में संशोधन की मांग की गई थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 मार्च 2018 को इज्जत के साथ मरने के अधिकार को मूलभूत अधिकार का दर्जा दे दिया था. इसके बाद लिविंग विल बनाने को भी मंजूरी दे दी गयी थी. क्या आप जानते हैं लिविंग विल क्या है? यह कैसे काम करता है? इसके क्या फायदे हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
क्या है लिविंग विल?
यह वास्तव में एक दस्तावेज है, जिसमें कोई व्यक्ति यह बताता है कि वह भविष्य में गंभीर बीमारी की हालत में किस तरह का इलाज कराना चाहता है. यह वास्तव में इसलिए तैयार किया जाता है, जिससे गंभीर बीमारी की हालत में अगर व्यक्ति खुद फैसले लेने की हालत में नहीं रहे तो पहले से तैयार दस्तावेज के हिसाब से उसके बारे में फैसला लिया जा सके.