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कोविड टीके के ट्रायल के आंकड़ों के खुलासे की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों और टीकाकरण के बाद के आंकड़ों के खुलासे की मांग वाली याचिका पर भारत सरकार को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.

वैक्सीन का डेटा
वैक्सीन का डेटा
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Published : Aug 9, 2021, 12:16 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 1:54 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों और टीकाकरण के बाद के आंकड़ों के खुलासे के संबंध में निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी किया है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर केंद्र एवं अन्य को इस संबंध में जवाब देने को कहा.

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने देश में 'टीका लेने में लोगों की हिचक' की समस्या का जिक्र किया और याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या इस याचिका पर विचार करने से टीकों को लेकर नागरिकों के मन में संदेह तो पैदा नहीं होगा.

भूषण ने यह स्पष्ट किया कि न तो यह 'टीका विरोधी याचिका' है और न ही याचिकाकर्ता देश में कोविड-19 के टीकाकरण को रोकने का अनुरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता की आवश्यकता है और आंकड़ों के खुलासे से सभी संदेह दूर हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें- जायडस कैडिला के कोविड टीके को इस सप्ताह मिल सकती है मंजूरी

पीठ कोविड-19 टीकों के क्लीनिकल ​​परीक्षणों और टीकाकरण के बाद के आंकड़ों के खुलासे के लिए निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता का दावा है कि यह अनिवार्य और आवश्यक है कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानदंडों के अनुसार वैक्सीन के संबंधित आंकड़ों को प्रकाशित करना चाहिए.

(एजेंसी)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों और टीकाकरण के बाद के आंकड़ों के खुलासे के संबंध में निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी किया है.

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर केंद्र एवं अन्य को इस संबंध में जवाब देने को कहा.

याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने देश में 'टीका लेने में लोगों की हिचक' की समस्या का जिक्र किया और याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या इस याचिका पर विचार करने से टीकों को लेकर नागरिकों के मन में संदेह तो पैदा नहीं होगा.

भूषण ने यह स्पष्ट किया कि न तो यह 'टीका विरोधी याचिका' है और न ही याचिकाकर्ता देश में कोविड-19 के टीकाकरण को रोकने का अनुरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता की आवश्यकता है और आंकड़ों के खुलासे से सभी संदेह दूर हो जाएंगे.

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पीठ कोविड-19 टीकों के क्लीनिकल ​​परीक्षणों और टीकाकरण के बाद के आंकड़ों के खुलासे के लिए निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता का दावा है कि यह अनिवार्य और आवश्यक है कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानदंडों के अनुसार वैक्सीन के संबंधित आंकड़ों को प्रकाशित करना चाहिए.

(एजेंसी)

Last Updated : Aug 9, 2021, 1:54 PM IST
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