नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता को जमानत देने के बंबई हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील सोमवार को खारिज कर दी. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने उल्लेख किया कि देशमुख (73) को संबंधित धनशोधन मामले में भी जमानत दी गई है.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले साल दिसंबर में भ्रष्टाचार के मामले में देशमुख को जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. सीबीआई की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की किसी अन्य महत्वपूर्ण मामले में व्यस्तता के कारण 20 जनवरी को सुनवाई नहीं हो सकी थी और मामले की सुनवाई 23 जनवरी यानी आज के लिए स्थगित कर दी गयी थी.
हाई कोर्ट ने पिछले साल 12 दिसंबर को राकांपा नेता देशमुख को जमानत दे दी थी, लेकिन कहा था कि यह आदेश 10 दिन के बाद प्रभावी होगा, क्योंकि सीबीआई ने इसे शीर्ष अदालत में चुनौती देने के लिए समय मांगा था. अदालत ने कहा था कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के बयान को छोड़कर, सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए किसी भी बयान से संकेत नहीं मिलता कि देशमुख के इशारे पर मुंबई में बार मालिकों से पैसा वसूला गया था.
शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में जांच एजेंसी ने दावा किया कि हाई कोर्ट ने देशमुख को जमानत देने में गंभीर त्रुटि की. जांच एजेंसी ने कहा कि उसकी आपत्तियों को नजरअंदाज कर दी गई जमानत से जारी जांच प्रभावित होगी.
(पीटीआई-भाषा)