नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा सरकार को 6 अप्रैल तक दिल्ली में पानी की आपूर्ति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि हमने एक यथास्थिति आदेश पारित किया है. हम चाहेंगे कि यह जारी रहे.
दिल्ली जल बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने पीठ के समक्ष कहा कि जल स्तर 6 फीट से नीचे है. हरियाणा सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि हमने जल आपूर्ति को न्यूनतम स्तर तक कम नहीं किया है.
मामले में सुनवाई को समाप्त करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली को पानी की आपूर्ति रोकी नहीं जाना चाहिए.
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड की एक याचिका पर हरियाणा, पंजाब और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को नोटिस जारी किया था.
डीजेबी ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था कि नांगल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के गेटों पर मरम्मत कार्यों के कारण राजधानी में 25 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति कम हो जाएगी.
डीजेबी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता गौतम नारायण ने कहा था कि नहर में मरम्मत कार्य के कारण दिल्ली को 25 प्रतिशत पेयजल आपूर्ति बंद हो जाएगी. डीजेबी ने कहा कि आम आदमी और लुटियंस दिल्ली दोनों गर्मी के मौसम में पानी के बिना परेशान होंगे.
यह भी पढ़ें-मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते के अंदर पंजाब से यूपी शिफ्ट करो : सुप्रीम कोर्ट
नारायण ने कहा कि मरम्मत कार्य गर्मियों के चरम पर होने के दौरान नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सीधे राजधानी में पेयजल आपूर्ति को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्यो को कम से कम मानसून तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए.