नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने जस्टिस अरुण मिश्रा के सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवास में रहने पर कारण देने से इनकार कर दिया है. दरअसल, इस संबंध में शेरिल डिसूजा ने एक आरटीआई दायर की थी.
शेरिल डिसूजा ने आरटीआई में पूछा था कि जस्टिस अरुण मिश्रा ने अब तक आधिकारिक निवास नहीं खाली किया है. इसका कारण क्या है. साथ ही आरटीआई में यह भी पूछा गया था कि अरुण मिश्रा ने आधिकारिक निवास के लिए किराए का कितना भुगतान किया है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया कि इसकी जानकारी नहीं प्रदान नहीं की जा सकती है, क्योंकि इसे आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) (i) और धारा 11 (1) तहत छूट प्रदान की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी अजय अग्रवाल ने यह जवाब दिया.
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गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा पिछले साल 2 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे. जस्टिस अरुण मिश्रा को 10 सितंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.