नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या उसने उन देशों की पहचान की है जहां यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों (Ukraine returned medical students) को उनकी चिकित्सा शिक्षा जारी रखने के लिए समायोजित किया जा सकता है. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पढ़ाई बीच में छोड़कर वापस लौटना पड़ा था. इन छात्रों ने भारत में अपना कोर्स पूरा करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
हालांकि, केंद्र सरकार ने यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि भारतीय कॉलेजों में 20,000 छात्रों को समायोजित करना संभव नहीं है और उन्हें विदेशी कॉलेजों में जाना होगा. इस पर अदालत ने सरकार को छात्रों के साथ समन्वय स्थापित करने, विदेशी कॉलेजों, सीटों की उपलब्धता आदि का विवरण प्रदान करने वाला एक पोर्टल स्थापित करने का सुझाव दिया था ताकि छात्रों को आसानी से प्रवेश मिल सके और एजेंट की धोखाधड़ी से बच सकें.
शीर्ष अदालत ने केंद्र से सभी मुद्दों पर संज्ञान लेने और अगली सुनवाई तक इसका जवाब देने को कहा. मामले की सुनवाई अब 11 अक्टूबर को होगी.