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अंबानी परिवार को दी गई सुरक्षा जारी रहेगी, SC से मिली केंद्र को मंजूरी

उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार (Mukesh Ambani Family) को मुंबई में दी गई सुरक्षा जारी रहेगी. केंद्र सरकार को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई. हाल ही में त्रिपुरा हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर इस संबंध में केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.

industrialist Mukesh Ambani
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Published : Jul 22, 2022, 5:44 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी (industrialist Mukesh Ambani) और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई में दी गई सुरक्षा को जारी रखने की केंद्र सरकार को शुक्रवार को अनुमति दे दी. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील स्वीकार कर ली.

शीर्ष अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा दिए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि त्रिपुरा में जनहित याचिकाकर्ता (विकास साहा) का मुंबई में मुहैया कराए गए लोगों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है.

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने साहा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चों की जान को खतरे से संबंधित वह मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन सभी को सुरक्षा प्रदान की गई थी.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी (industrialist Mukesh Ambani) और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई में दी गई सुरक्षा को जारी रखने की केंद्र सरकार को शुक्रवार को अनुमति दे दी. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की अपील स्वीकार कर ली.

शीर्ष अदालत की एक अवकाशकालीन पीठ ने 29 जून को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा दिए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि त्रिपुरा में जनहित याचिकाकर्ता (विकास साहा) का मुंबई में मुहैया कराए गए लोगों की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है.

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने साहा की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर 31 मई और 21 जून को दो अंतरिम आदेश जारी किए थे और केंद्र सरकार को अंबानी, उनकी पत्नी और बच्चों की जान को खतरे से संबंधित वह मूल फाइल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन सभी को सुरक्षा प्रदान की गई थी.

पढ़ें- अंबानी परिवार की सुरक्षा से संबंधित मामले में केंद्र की याचिका पर कल सुनवाई

(पीटीआई-भाषा)

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