नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत उन राजनीतिक दलों के पंजीकरण को रद्द करने की जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई है जो इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट और सोशल मीडिया में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित नहीं कर रहे हैं.
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बता दें, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने सोमवार को एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के कैराना में एक गैंगस्टर को यूपी विधान सभा चुनाव 2022 के लिए टिकट दिया है. ऐसा करके पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया है.