जयपुर. राजस्थान से सटे प्रदेश हरियाणा से थे सतीश चंद्र कौशिक अब हमारे बीच नही रहे. सबके दिलों को गुदगुदाने वाले 66 वर्ष के एक्टर- डायरेक्टर, को दिल ने ही धोखा दे दिया. हार्ट अटैक से उनकी जान चली गई. राजस्थान से नाता अटूट था! ननिहाल जो था यहां. गाहे बगाहे यहां किसी न किसी फंक्शन में आते रहते थे. कुछ ही दिन पहले सतीश सरदारशहर आए थे. हमेशा नई तकनीक, नए डेवलेप्मेंट्स को लेकर सचेत और जागरूक रहते थे. यहां वो आए तो बहुतों को अपना मुरीद बना गए. वही बेबाकी और बेलौस अंदाज दिखा.
जनवरी में आए थे सरदारशहर
पठान फिल्म के जरिए Inflatable डिजीटल थियेटर संग पहुंचे थे सतीश. ‘इन्फ्लेटेबल डिजिटल थिएटर’ अस्थाई ढांचे में तैयार थियेटर हैं जिसे जरूरत के लिहाज से एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है और दर्शकों को सामान्य सिनेमाघर सी ही फीलिंग आती है.
ऐसे था राजस्थान से जुड़ाव
करीब 3 साल पहले जयपुर फिल्म फेस्टिवल सीजन 7 में आए थे सतीश. उस दौरान अपने जीवन के कई छूए अनछुए पहलुओं को साझा किया था. कहा था- पापा हरियाणा से थे और मां राजस्थान से मेरा जन्म दिल्ली में हुआ. पढ़ाई लिखाई भी वहीं की. यही नाता था जो सतीश राजस्थान आते रहते थे. कहते थे कि जब भी आते हैं लोग उनसे सारे कैरेक्टर्स प्ले करते देखना पसंद करते हैं.
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फिल्मों के प्रति समर्पण
फिल्म फेस्टिवल के दौरान ही कहा था- हरियाणा से हूं और वहां की लैंग्वेज में मूवी बनाता हूं. यूपी-मराठी सिनेमा भी शक्तिशाली है. जरूरत है तो इच्छा शक्ति की, क्योंकि किसी न किसी को तो कदम उठाना पड़ेगा. राजस्थानी सिनेमा को लेकर बड़ी बात कही थी. कहा था- ये इंडस्ट्री भी तभी उभर सकती है, जब यहां कोई पागलपन की हद तक उसे उभारने के लिए काम करे.