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राज्यसभा चुनाव की उम्मीदवारी पर बोले संभाजी राजे, सीएम उद्धव ठाकरे ने वादा नहीं निभाया

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति संभाजी राजे ने शिवसेना के पार्टी में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उन्होंने ऐलान किया कि वह राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने राज्यसभा की उम्मीदवारी के मसले पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनके साथ किए वादे को नहीं निभाया.

Sambhaji Raje
Sambhaji Raje
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Published : May 27, 2022, 6:17 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की ओर से राज्यसभा सदस्यों के नामांकन के बाद शिवसेना में नाराजगी का दौर शुरू हो गया है. कोल्हापुर जिले के शिवसेना अध्यक्ष संजय पवार को राज्यसभा कैंडिडेट घोषित करने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने सीएम उद्धव ठाकरे पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.संभाजी राजे ने शुक्रवार (27 मई) को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया. साथ ही अफसोस जताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी बात नहीं रखी. साथ ही उन्होंने ऐलान किया वह इस बार राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. संभाजी राजे ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपना कदम पीछे खींच रहे हैं. अब उन्होंने अपने स्वराज्य संगठन को एक बार फिर खड़ा करने की तैयारी की है.

छत्रपति संभाजी राजे ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, इसलिए चर्चा थी कि वह शिवसेना के समर्थन से राज्यसभा जाएंगे. मगर शिवसेना ने कोल्हापुर जिले के अध्यक्ष संजय पवार को आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया. संभाजी राजे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके पास दो सांसद भेजे थे. इन सांसदों ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया, साथ ही राज्यसभा उम्मीदवार बनाने की जानकारी दी. तब उन्होंने साफ किया था कि वह शिवसेना में शामिल नहीं हो सकते हैं, इसलिए निर्दलीय उम्मीदवारा बनना पसंद करेंगे. इसके दो दिन बाद, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन्हें अपने आवास वर्षा आने के लिए आमंत्रण दिया. सीएम के साथ मुलाकात में उन्होंने तीन मुद्दों पर बात की.

सीएम ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने की सलाह दी, जिसे संभाजी राजे ने मना कर दिया. उन्होंने सीएम के सामने महाविकास अघाड़ी की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार घोषित करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उद्धव ठाकरे ने खारिज कर दिया. इसके बाद मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल संभाजी राजे से मिला, जहां उन्हें कैंडिडेट बनाने पर सहमति बनी. इस संबंध में एक ड्राफ्ट भी उन्हें दिखाया गया, जिसमें कुछ बदलाव के बाद उन्होंने मंजूर कर लिया. इसके बाद इस मसौदे पर अंतिम मुहर लग गई. संभाजी राजे ने कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद जब वह कोल्हापुर लौटे तब पता चला कि संजय पवार को कैंडिडेट घोषित कर दिया गया है. इसके बाद उन्होंने मसौदे को अंतिम रुप देने वाले सांसदों को फोन किया मगर वे जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

पढ़ें : राज्यसभा चुनाव : जानिए राज्यों में किस पार्टी को होगा फायदा, किसे मिलेगा मौका ?

मुंबई : महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की ओर से राज्यसभा सदस्यों के नामांकन के बाद शिवसेना में नाराजगी का दौर शुरू हो गया है. कोल्हापुर जिले के शिवसेना अध्यक्ष संजय पवार को राज्यसभा कैंडिडेट घोषित करने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने सीएम उद्धव ठाकरे पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.संभाजी राजे ने शुक्रवार (27 मई) को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया. साथ ही अफसोस जताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी बात नहीं रखी. साथ ही उन्होंने ऐलान किया वह इस बार राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. संभाजी राजे ने कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपना कदम पीछे खींच रहे हैं. अब उन्होंने अपने स्वराज्य संगठन को एक बार फिर खड़ा करने की तैयारी की है.

छत्रपति संभाजी राजे ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, इसलिए चर्चा थी कि वह शिवसेना के समर्थन से राज्यसभा जाएंगे. मगर शिवसेना ने कोल्हापुर जिले के अध्यक्ष संजय पवार को आधिकारिक उम्मीदवार घोषित कर दिया. संभाजी राजे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके पास दो सांसद भेजे थे. इन सांसदों ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया, साथ ही राज्यसभा उम्मीदवार बनाने की जानकारी दी. तब उन्होंने साफ किया था कि वह शिवसेना में शामिल नहीं हो सकते हैं, इसलिए निर्दलीय उम्मीदवारा बनना पसंद करेंगे. इसके दो दिन बाद, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उन्हें अपने आवास वर्षा आने के लिए आमंत्रण दिया. सीएम के साथ मुलाकात में उन्होंने तीन मुद्दों पर बात की.

सीएम ने उन्हें शिवसेना में शामिल होने की सलाह दी, जिसे संभाजी राजे ने मना कर दिया. उन्होंने सीएम के सामने महाविकास अघाड़ी की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार घोषित करने का प्रस्ताव दिया, जिसे उद्धव ठाकरे ने खारिज कर दिया. इसके बाद मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल संभाजी राजे से मिला, जहां उन्हें कैंडिडेट बनाने पर सहमति बनी. इस संबंध में एक ड्राफ्ट भी उन्हें दिखाया गया, जिसमें कुछ बदलाव के बाद उन्होंने मंजूर कर लिया. इसके बाद इस मसौदे पर अंतिम मुहर लग गई. संभाजी राजे ने कहा कि सीएम से मुलाकात के बाद जब वह कोल्हापुर लौटे तब पता चला कि संजय पवार को कैंडिडेट घोषित कर दिया गया है. इसके बाद उन्होंने मसौदे को अंतिम रुप देने वाले सांसदों को फोन किया मगर वे जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

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