ETV Bharat / bharat

सलमान खुर्शीद ने 'जी-23' पर साधा निशाना, बोले- 'सर्जरी' की जरूरत

author img

By

Published : Jun 20, 2021, 5:28 PM IST

कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कांग्रेस 'जी-23' के नेताओं पर निशाना साधा है. खुर्शीद ने सवाल किया कि जो लोग संगठनात्मक चुनावों (Organizational Elections) का आह्वान कर रहे हैं, क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं.

सलमान खुर्शीद
सलमान खुर्शीद

नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने पार्टी में सुधार की फिर से अपील करने वाले 'जी-23' (G-23) नेताओं पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि सुधार उस चीज पर अचानक सवाल उठाने से नहीं आता, जिसका वर्षों तक 'फायदा उठाया गया' हो, बल्कि यह त्याग से आता है. खुर्शीद ने सवाल किया कि जो लोग संगठनात्मक चुनावों (Organizational Elections) का आह्वान कर रहे हैं, क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं.

वीरप्पा मोइली के बयान पर बोले खुर्शीद

'जी-23' के नेता एम वीरप्पा मोइली (M. Veerappa Moily) ने पार्टी को चुनावी रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसकी 'बड़ी सर्जरी' की आवश्यकता पर जोर दिया था. मोइली के इस बयान के कुछ दिन बाद खुर्शीद ने कहा कि ये 'अच्छे वाक्यांश उत्तर नहीं हैं', क्योंकि पार्टी नेताओं को पिछले 10 वर्ष में पैदा हुई चुनौतियों से मिलकर निपटने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र सत्ताधारी गठबंधन में अनबन : शिवेसना का तंज- पड़ेंगे जूते, कांंग्रेस नेता ने दिया ऐसा जवाब

खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी को करना है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि राहुल पार्टी अध्यक्ष हों या न हों, वह 'हमारे नेता' रहेंगे.

संगठन में सभी स्तरों पर व्यापक सुधार के कपिल सिब्बल के आह्वान और पार्टी की 'बड़ी सर्जरी' संबंधी मोइली की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने कटाक्ष किया, 'मैं बड़ी सर्जरी को लेकर काफी खुश हूं, लेकिन आप क्या हटाना चाहते हैं- मेरा यकृत, मेरी किडनी, कोई मुझे बताए कि आप कौन सी सर्जरी करवाना चाहते हैं.'

पार्टी को 'सर्जरी' की जरूरत : खुर्शीद

गांधी परिवार के निकट समझे जाने वाले नेताओं में शामिल खुर्शीद ने कहा कि पार्टी की 'सर्जरी' होनी चाहिए, लेकिन यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इससे किसी को क्या लाभ और नुकसान होगा.

68 वर्षीय नेता ने चिकित्सा संबंधी उपमाओं का उपयोग करते हुए कहा, 'ये अच्छे वाक्यांश जवाब नहीं हैं, हमें (समस्या की) तह तक जाने की जरूरत है, हमें भीतर तक जाने की जरूरत है, हमें सर्जरी से पहले एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड करने की जरूरत है.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब लोग कहते हैं, 'आइए हम सर्जरी करें, सुधार करें, एक बुनियादी बदलाव लाएं', तो उन्हें यह बात समझ में नहीं आती. उन्होंने कहा कि इन लोगों को स्पष्ट रूप से समझाना चाहिए कि इसका क्या मतलब है.

बातचीत की जरूरत : खुर्शीद

उन्होंने कहा, 'अगर उनका मतलब है कि फेरबदल होना चाहिए और उन्हें शीर्ष स्थान दिया जाना चाहिए, तो यह सुधार या सर्जरी नहीं है. इसका मतलब यह कहना है, 'मुझे यह काम चाहिए'. इसलिए, मुझे लगता है कि बातचीत होनी चाहिए.'

खुर्शीद ने जोर देकर कहा कि सुधार का आह्वान करने वाले नेताओं को अन्य नेताओं के साथ भी बातचीत करनी चाहिए थी. उन्होंने 'जी 23' नेताओं का जिक्र करते हुए कहा, 'किसी ने मुझसे बात क्यों नहीं की और यह क्यों नही कहा कि हम पार्टी के लिए ऐसा करते हैं? (ऐसा लगता है) मानो, वे ही सुधार चाहते हैं.'

संगठनात्मक सुधार की जरूरत

जी-20 नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पिछले साल पत्र लिखा था और व्यापक संगठनात्मक सुधार की मांग की थी, लेकिन तब से अभी तक, इस समूह के जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं और कई नेताओं ने समूह से खुद को स्पष्ट रूप से दूर कर लिया है.

खुर्शीद ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मोइली और सिब्बल जैसे 23 नेताओं के समूह ने बड़े संगठनात्मक सुधार की मांग की थी. उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने केवल इतना कहा कि पार्टी में चुनाव होना चाहिए.

'जी-23' नेताओं पर साधा निशाना

उन्होंने 'जी-23' नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, 'चुनाव के खिलाफ कोई नहीं है, चुनाव होने चाहिए. अगर वे हमें याद दिलाते कि वे जहां हैं, उन्होंने उस जगह पहुंचने के लिए कौन-सा चुनाव जीता है, तो यह बहुत अच्छा होता. अगर उन्होंने हमें यह याद दिलाया होता, तो हमारे लिए इसे समझना आसान होगा.'

खुर्शीद ने कहा, "लेकिन यदि वह व्यक्ति चुनाव की बात करता है, जिसने अतीत में किसी स्थान पर पहुंचने के लिए कभी चुनाव नहीं लड़ा, तो मुझे लगता है कि वह हमारे साथ थोड़ा अन्याय कर रहा है."

जी-23 नेताओं की संगठनात्मक चुनावों की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि वे सभी स्तरों पर चुनाव चाहते हैं और "मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं.'

पार्टी को समय-समय पर सुधार की जरूरत

उन्होंने कहा कि कई सवाल हैं और नेताओं को बैठकर इस बारे में बात करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुधार के लिए प्रेस के पास जाने की निश्चित तौर पर जरूरत नहीं है.

खुर्शीद ने कहा कि हर पार्टी को समय-समय पर सुधार करना होता है, लेकिन कोई सुधार किसी ऐसी चीज पर अचानक सवाल उठाने से नहीं होता, जिसका आपने फायदा उठाया हो.

खुर्शीद ने कहा कि चुनाव से कोई परहेज नहीं है और चुनाव होगा, लेकिन यह समय 5,000 लोगों को इकट्ठा करने और उनसे मतदान कराने का नहीं है.

ये भी पढ़ें : शिवसेना विधायक की उद्धव से अपील, 'मोदी का दीजिए साथ, फायदे में रहेंगे आप'

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव कराए जाने चाहिए, खुर्शीद ने कहा कि पार्टी का संविधान तय करेगा कि क्या किया जाना है और 'हम इसका पालन करेंगे.'

(पीटीआई-भाषा)

नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने पार्टी में सुधार की फिर से अपील करने वाले 'जी-23' (G-23) नेताओं पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि सुधार उस चीज पर अचानक सवाल उठाने से नहीं आता, जिसका वर्षों तक 'फायदा उठाया गया' हो, बल्कि यह त्याग से आता है. खुर्शीद ने सवाल किया कि जो लोग संगठनात्मक चुनावों (Organizational Elections) का आह्वान कर रहे हैं, क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं.

वीरप्पा मोइली के बयान पर बोले खुर्शीद

'जी-23' के नेता एम वीरप्पा मोइली (M. Veerappa Moily) ने पार्टी को चुनावी रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इसकी 'बड़ी सर्जरी' की आवश्यकता पर जोर दिया था. मोइली के इस बयान के कुछ दिन बाद खुर्शीद ने कहा कि ये 'अच्छे वाक्यांश उत्तर नहीं हैं', क्योंकि पार्टी नेताओं को पिछले 10 वर्ष में पैदा हुई चुनौतियों से मिलकर निपटने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें : महाराष्ट्र सत्ताधारी गठबंधन में अनबन : शिवेसना का तंज- पड़ेंगे जूते, कांंग्रेस नेता ने दिया ऐसा जवाब

खुर्शीद ने कहा कि यह फैसला राहुल गांधी को करना है कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि राहुल पार्टी अध्यक्ष हों या न हों, वह 'हमारे नेता' रहेंगे.

संगठन में सभी स्तरों पर व्यापक सुधार के कपिल सिब्बल के आह्वान और पार्टी की 'बड़ी सर्जरी' संबंधी मोइली की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने कटाक्ष किया, 'मैं बड़ी सर्जरी को लेकर काफी खुश हूं, लेकिन आप क्या हटाना चाहते हैं- मेरा यकृत, मेरी किडनी, कोई मुझे बताए कि आप कौन सी सर्जरी करवाना चाहते हैं.'

पार्टी को 'सर्जरी' की जरूरत : खुर्शीद

गांधी परिवार के निकट समझे जाने वाले नेताओं में शामिल खुर्शीद ने कहा कि पार्टी की 'सर्जरी' होनी चाहिए, लेकिन यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इससे किसी को क्या लाभ और नुकसान होगा.

68 वर्षीय नेता ने चिकित्सा संबंधी उपमाओं का उपयोग करते हुए कहा, 'ये अच्छे वाक्यांश जवाब नहीं हैं, हमें (समस्या की) तह तक जाने की जरूरत है, हमें भीतर तक जाने की जरूरत है, हमें सर्जरी से पहले एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड करने की जरूरत है.'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब लोग कहते हैं, 'आइए हम सर्जरी करें, सुधार करें, एक बुनियादी बदलाव लाएं', तो उन्हें यह बात समझ में नहीं आती. उन्होंने कहा कि इन लोगों को स्पष्ट रूप से समझाना चाहिए कि इसका क्या मतलब है.

बातचीत की जरूरत : खुर्शीद

उन्होंने कहा, 'अगर उनका मतलब है कि फेरबदल होना चाहिए और उन्हें शीर्ष स्थान दिया जाना चाहिए, तो यह सुधार या सर्जरी नहीं है. इसका मतलब यह कहना है, 'मुझे यह काम चाहिए'. इसलिए, मुझे लगता है कि बातचीत होनी चाहिए.'

खुर्शीद ने जोर देकर कहा कि सुधार का आह्वान करने वाले नेताओं को अन्य नेताओं के साथ भी बातचीत करनी चाहिए थी. उन्होंने 'जी 23' नेताओं का जिक्र करते हुए कहा, 'किसी ने मुझसे बात क्यों नहीं की और यह क्यों नही कहा कि हम पार्टी के लिए ऐसा करते हैं? (ऐसा लगता है) मानो, वे ही सुधार चाहते हैं.'

संगठनात्मक सुधार की जरूरत

जी-20 नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पिछले साल पत्र लिखा था और व्यापक संगठनात्मक सुधार की मांग की थी, लेकिन तब से अभी तक, इस समूह के जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं और कई नेताओं ने समूह से खुद को स्पष्ट रूप से दूर कर लिया है.

खुर्शीद ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मोइली और सिब्बल जैसे 23 नेताओं के समूह ने बड़े संगठनात्मक सुधार की मांग की थी. उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने केवल इतना कहा कि पार्टी में चुनाव होना चाहिए.

'जी-23' नेताओं पर साधा निशाना

उन्होंने 'जी-23' नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, 'चुनाव के खिलाफ कोई नहीं है, चुनाव होने चाहिए. अगर वे हमें याद दिलाते कि वे जहां हैं, उन्होंने उस जगह पहुंचने के लिए कौन-सा चुनाव जीता है, तो यह बहुत अच्छा होता. अगर उन्होंने हमें यह याद दिलाया होता, तो हमारे लिए इसे समझना आसान होगा.'

खुर्शीद ने कहा, "लेकिन यदि वह व्यक्ति चुनाव की बात करता है, जिसने अतीत में किसी स्थान पर पहुंचने के लिए कभी चुनाव नहीं लड़ा, तो मुझे लगता है कि वह हमारे साथ थोड़ा अन्याय कर रहा है."

जी-23 नेताओं की संगठनात्मक चुनावों की मांग के बारे में उन्होंने कहा कि वे सभी स्तरों पर चुनाव चाहते हैं और "मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि क्या वे इसी तरह पार्टी में उस जगह पर पहुंचे है, जहां वे अभी हैं.'

पार्टी को समय-समय पर सुधार की जरूरत

उन्होंने कहा कि कई सवाल हैं और नेताओं को बैठकर इस बारे में बात करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सुधार के लिए प्रेस के पास जाने की निश्चित तौर पर जरूरत नहीं है.

खुर्शीद ने कहा कि हर पार्टी को समय-समय पर सुधार करना होता है, लेकिन कोई सुधार किसी ऐसी चीज पर अचानक सवाल उठाने से नहीं होता, जिसका आपने फायदा उठाया हो.

खुर्शीद ने कहा कि चुनाव से कोई परहेज नहीं है और चुनाव होगा, लेकिन यह समय 5,000 लोगों को इकट्ठा करने और उनसे मतदान कराने का नहीं है.

ये भी पढ़ें : शिवसेना विधायक की उद्धव से अपील, 'मोदी का दीजिए साथ, फायदे में रहेंगे आप'

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के लिए चुनाव कराए जाने चाहिए, खुर्शीद ने कहा कि पार्टी का संविधान तय करेगा कि क्या किया जाना है और 'हम इसका पालन करेंगे.'

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.