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Sajad Lone writes to LG Sinha : सज्जाद लोन ने एलजी को अतिक्रमण विरोधी अभियान के संबंध में लिखा पत्र

पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने एलजी मनोज सिन्हा को पत्र लिखा है. पत्र में सज्जाद गनी ने लिखा है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हर जगह से गरीब लोगों को परेशान करने की खबरें आ रही हैं और इस संबंध में आप (एलजी) एक स्पष्ट आदेश जारी करें जिसमें गरीब लोगों को इस अभियान से छूट दी गई है.

Sajad Lone writes to LG Sinha
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन की फाइल फोटो.
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Published : Jan 22, 2023, 9:57 AM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान में उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा ने हालांकि आश्वासन दिया है कि आम आदमी और गरीब लोगों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए चिंतित है. पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने शनिवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के संबंध में एलजी मनोज सिन्हा को पत्र लिखा है. उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करने का आग्रह किया जिसमें गरीब लोगों को इस विध्वंस से छूट दी जाए.

लोन ने पत्र में कहा है कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आवाज उठाई जा रही है कि राज्य और चरागाह भूमि को वापस लेने के लिए सरकार के अभियान से गरीबों को छूट मिलनी चाहिए. लोम ने पत्र में लिखा कि समाज के गरीब वर्गों को बचाने के लिए सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आवाजें उठाई जा रही हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बात की वकालत की कि गरीबों को इस अभियान से बख्शा जाना चाहिए. पत्र में आगे कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय आवश्यकता से उत्पन्न होते हैं और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो दशकों से निर्बाध रूप से चल रही है.

पढ़ें: Specialized Training : आईसीजी ने 6 देशों के अफसरों, नाविकों के लिए कोर्स चलाया

उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार ने कभी भी इसे चुनौती नहीं दी क्योंकि इसने जम्मू-कश्मीर को एक अनूठा राज्य बना दिया है. जहां बेघर लोगों की संख्या लगभग नगण्य है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश जोतों में जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, जिन पर मालिकों ने एक छोटा सा घर बना लिया है. पत्र में लोन ने आगे लिखा कि आपने यह घोषणा करते हुए बहुत दयालुता दिखाई है कि गरीबों को छुआ नहीं जाएगा. लेकिन औपचारिक आदेश के अभाव में गरीब ही प्रभावित हो रहे हैं. मैं आपसे औपचारिक स्पष्ट आदेश जारी करने का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं, गरीबों को छूट दिया जाये.

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें हटाया जाएगा. मनोज सिन्हा ने कहा कि आम आदमी और गरीब लोगों के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए चिंतित है. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सभी संबंधित उपायुक्तों को 31 जनवरी से पहले सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का आदेश जारी किया था.

पढ़ें: Pakistan on verge of collapse: आर्थिक हालत खस्ता, पैसे-पैसे को मोहताज पाकिस्तान

इस मुद्दे पर, भाजपा को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों ने निर्णय वापस लेने का आह्वान किया है. लोन ने दावा किया कि एक स्पष्ट आदेश की अनुपस्थिति निश्चित रूप से भ्रष्टाचार की खबरों का कारण बन रही है. लोन ने कहा कि वह एक ऐसी नीति की पुरजोर वकालत करेंगे जिसमें सरकार गरीबों की पहचान करने के लिए एक मानक निर्धारित करे और उन्हें मालिकाना हक दे. उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा इतिहास बनने की प्रतीक्षा कर रहा है.

आइए आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि आप इस अवसर पर आप समाज के सबसे गरीब वर्गों के लिए इतिहास बनाने में सक्षम होंगे. यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसे एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा और राजनीति का एक महान कार्य.

पढ़ें: Telangana Davos Investments: तेलंगाना ने विश्व आर्थिक मंच की बैठक में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान में उपराज्यपाल एलजी मनोज सिन्हा ने हालांकि आश्वासन दिया है कि आम आदमी और गरीब लोगों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए चिंतित है. पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने शनिवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के संबंध में एलजी मनोज सिन्हा को पत्र लिखा है. उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी करने का आग्रह किया जिसमें गरीब लोगों को इस विध्वंस से छूट दी जाए.

लोन ने पत्र में कहा है कि सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आवाज उठाई जा रही है कि राज्य और चरागाह भूमि को वापस लेने के लिए सरकार के अभियान से गरीबों को छूट मिलनी चाहिए. लोम ने पत्र में लिखा कि समाज के गरीब वर्गों को बचाने के लिए सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आवाजें उठाई जा रही हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से इस बात की वकालत की कि गरीबों को इस अभियान से बख्शा जाना चाहिए. पत्र में आगे कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय आवश्यकता से उत्पन्न होते हैं और यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो दशकों से निर्बाध रूप से चल रही है.

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उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार ने कभी भी इसे चुनौती नहीं दी क्योंकि इसने जम्मू-कश्मीर को एक अनूठा राज्य बना दिया है. जहां बेघर लोगों की संख्या लगभग नगण्य है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश जोतों में जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, जिन पर मालिकों ने एक छोटा सा घर बना लिया है. पत्र में लोन ने आगे लिखा कि आपने यह घोषणा करते हुए बहुत दयालुता दिखाई है कि गरीबों को छुआ नहीं जाएगा. लेकिन औपचारिक आदेश के अभाव में गरीब ही प्रभावित हो रहे हैं. मैं आपसे औपचारिक स्पष्ट आदेश जारी करने का अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं, गरीबों को छूट दिया जाये.

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें हटाया जाएगा. मनोज सिन्हा ने कहा कि आम आदमी और गरीब लोगों के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए चिंतित है. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सभी संबंधित उपायुक्तों को 31 जनवरी से पहले सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने का आदेश जारी किया था.

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इस मुद्दे पर, भाजपा को छोड़कर जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों ने निर्णय वापस लेने का आह्वान किया है. लोन ने दावा किया कि एक स्पष्ट आदेश की अनुपस्थिति निश्चित रूप से भ्रष्टाचार की खबरों का कारण बन रही है. लोन ने कहा कि वह एक ऐसी नीति की पुरजोर वकालत करेंगे जिसमें सरकार गरीबों की पहचान करने के लिए एक मानक निर्धारित करे और उन्हें मालिकाना हक दे. उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा इतिहास बनने की प्रतीक्षा कर रहा है.

आइए आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि आप इस अवसर पर आप समाज के सबसे गरीब वर्गों के लिए इतिहास बनाने में सक्षम होंगे. यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसे एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा और राजनीति का एक महान कार्य.

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