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संतों ने कहा- हिन्दू राष्ट्र घोषित हो भारत, दिग्विजय को जेल भेजने की मांग

उत्तराखंड में स्वामी आनंद स्वरूप ने भारत को जल्द ही हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग की है. उन्होंने दिग्विजय सिंह द्वारा 370 पर दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर.

संतों की मांग
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Published : Jun 12, 2021, 6:41 PM IST

हरिद्वार: शंकराचार्य परिषद के सर्वपति स्वामी आनंद स्वरूप ने भारत को जल्द ही हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि संविधान की मूल आत्मा उसकी प्रस्तावना होती है, आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उल्लंघन करते हुए प्रस्तावना को ही बदल दिया था और उसमें सेक्युलर शब्द को जोड़ दिया. जोकि सरासर गलत था.

उन्होंने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने को लेकर वह जल्द ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपेंगे. साथ ही दिग्विजय सिंह द्वारा 370 पर दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की.

'इंदिरा गांधी ने संविधान में सेक्युलर शब्द को जोड़ा'

उन्होंने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि आजादी के समय देश का बंटवारा हुआ. जिसके बाद इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान का गठन हुआ तो फिर भारत हिन्दू रिपब्लिक क्यों नहीं बना. इंदिरा गांधी ने आपातकाल के समय भारत के संविधान की आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में बदलाव करते हुए सेक्युलर शब्द जोड़ दिया. जिसको अब बदलने का समय आ चुका है.

'सरकार देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे'

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए. जिस की मांग को लेकर उनके द्वारा एक अभियान की शुरुआत आज हरिद्वार से की गई है, जो पूरे देश में चलाया जाएगा. जिसके तहत राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा जाएगा, जिसमें पूरे देश से लगभग 10 हजार साधु-संतों के हस्ताक्षर होंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो दिल्ली में लगभग एक लाख संतों के साथ वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.

कांग्रेस पाकिस्तान समर्थित कार्य करती है: स्वामी आनंद स्वरूप

वहीं, दिग्विजय सिंह के धारा 370 पर दिए बयान पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का इतिहास काला रहा है. कांग्रेस हमेशा से पाकिस्तान समर्थित कार्य करते रहे हैं. अगर कांग्रेस की मंशा यही है कि वे धारा 370 को वापस लाए तो उसे अपने मेनिफेस्टो में इस बात का जिक्र करना चाहिए.

उन्होंने मांग की कि ऐसा बोलने पर दिग्विजय सिंह को जेल में डाल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाना चाहिए, जिसका कड़ाई से पालन भी किया जाना आवश्यक है.

दिग्विजय ने अनुच्छेद 370 पर दिया है बयान

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. दिग्विजय सिंह का यह बयान सोशल मीडिया एप क्लबहाउस के एक कथित वीडियो लीक में सामने आया है. वीडियो में पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब जिलानी ने दिग्विजय से पूछा कि जब कभी भारत में सत्ता परिवर्तन होता है और मोदी सत्ता से जाते हैं, तो कश्मीर को लेकर भारत की आगे की रणनीति क्या होगी.

पढ़ें- बाबा के ढाबा को चर्चा में लाने वाले वासन बोले, हैप्पी एंडिंग तो शुरू से करना चाहता था

दिग्विजय सिंह ने इसके उत्तर में कहा कि समाज के लिए जो चीज सबसे ज्यादा खतरनाक है, वो है धार्मिक कट्टरवाद. चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी धर्म से जुड़ी हुई हो. धार्मिक कट्टरवाद नफरत की तरफ ले जाता है और नफरत से हिंसा होती है.

उन्होंने आगे कहा कि जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान नहीं रखा गया. सभी को बंद कर दिया गया. यह अत्यंत दुखद था. इसलिए जब हम सत्ता में वापस आते हैं, तो आर्टिकल 370 को वापस लाने के मुद्दे पर फिर से विचार करेंगे.

हरिद्वार: शंकराचार्य परिषद के सर्वपति स्वामी आनंद स्वरूप ने भारत को जल्द ही हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि संविधान की मूल आत्मा उसकी प्रस्तावना होती है, आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उल्लंघन करते हुए प्रस्तावना को ही बदल दिया था और उसमें सेक्युलर शब्द को जोड़ दिया. जोकि सरासर गलत था.

उन्होंने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने को लेकर वह जल्द ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन सौंपेंगे. साथ ही दिग्विजय सिंह द्वारा 370 पर दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की.

'इंदिरा गांधी ने संविधान में सेक्युलर शब्द को जोड़ा'

उन्होंने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि आजादी के समय देश का बंटवारा हुआ. जिसके बाद इस्लामिक रिपब्लिक पाकिस्तान का गठन हुआ तो फिर भारत हिन्दू रिपब्लिक क्यों नहीं बना. इंदिरा गांधी ने आपातकाल के समय भारत के संविधान की आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में बदलाव करते हुए सेक्युलर शब्द जोड़ दिया. जिसको अब बदलने का समय आ चुका है.

'सरकार देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे'

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए. जिस की मांग को लेकर उनके द्वारा एक अभियान की शुरुआत आज हरिद्वार से की गई है, जो पूरे देश में चलाया जाएगा. जिसके तहत राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा जाएगा, जिसमें पूरे देश से लगभग 10 हजार साधु-संतों के हस्ताक्षर होंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो दिल्ली में लगभग एक लाख संतों के साथ वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.

कांग्रेस पाकिस्तान समर्थित कार्य करती है: स्वामी आनंद स्वरूप

वहीं, दिग्विजय सिंह के धारा 370 पर दिए बयान पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का इतिहास काला रहा है. कांग्रेस हमेशा से पाकिस्तान समर्थित कार्य करते रहे हैं. अगर कांग्रेस की मंशा यही है कि वे धारा 370 को वापस लाए तो उसे अपने मेनिफेस्टो में इस बात का जिक्र करना चाहिए.

उन्होंने मांग की कि ऐसा बोलने पर दिग्विजय सिंह को जेल में डाल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून भी लाना चाहिए, जिसका कड़ाई से पालन भी किया जाना आवश्यक है.

दिग्विजय ने अनुच्छेद 370 पर दिया है बयान

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. दिग्विजय सिंह का यह बयान सोशल मीडिया एप क्लबहाउस के एक कथित वीडियो लीक में सामने आया है. वीडियो में पाकिस्तानी पत्रकार शाहजेब जिलानी ने दिग्विजय से पूछा कि जब कभी भारत में सत्ता परिवर्तन होता है और मोदी सत्ता से जाते हैं, तो कश्मीर को लेकर भारत की आगे की रणनीति क्या होगी.

पढ़ें- बाबा के ढाबा को चर्चा में लाने वाले वासन बोले, हैप्पी एंडिंग तो शुरू से करना चाहता था

दिग्विजय सिंह ने इसके उत्तर में कहा कि समाज के लिए जो चीज सबसे ज्यादा खतरनाक है, वो है धार्मिक कट्टरवाद. चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी धर्म से जुड़ी हुई हो. धार्मिक कट्टरवाद नफरत की तरफ ले जाता है और नफरत से हिंसा होती है.

उन्होंने आगे कहा कि जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का ध्यान नहीं रखा गया. सभी को बंद कर दिया गया. यह अत्यंत दुखद था. इसलिए जब हम सत्ता में वापस आते हैं, तो आर्टिकल 370 को वापस लाने के मुद्दे पर फिर से विचार करेंगे.

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