बेंगलुरु : वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा ने देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुने जाने पर गुरुवार को खुशी जताई और कहा कि वह यह सम्मान राज्य के लोगों को समर्पित करेंगे. कृष्णा (90) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह यह सम्मान स्वीकार करते हुए अभिभूत हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता इस बात से प्रसन्न होंगे कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने मुझे यह प्रतिष्ठित सम्मान देना उचित समझा. मैं भारत सरकार का आभारी हूं और मैं कर्नाटक के लोगों का भी कृतज्ञ हूं.'
कृष्णा हाल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थे और अपनी उम्र का हवाला देते हुए उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. बतौर कांग्रेस नेता कृष्णा 11 अक्टूबर 1999 से 28 मई 2004 तक कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था और 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान विदेश मंत्री भी रहे.
उन्होंने अमेरिका में कानून की पढ़ाई की और 1962 में राजनीति में आए. कृष्णा दिसंबर 1989 से जनवरी 1993 तक कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रहे और 1971 से 2014 तक कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वह 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे.
बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा, सामाजिक कार्यकर्ता सुधा मूर्ति और जानेमाने कन्नड़ साहित्यकार प्रोफेसर एस एल बीरप्पा समेत कर्नाटक के आठ लोगों को पद्म सम्मान के लिए चुना गया है. इसमें एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण सम्मान के लिए चुना गया है, वहीं एसएल बीरप्पा और सुधा मूर्ति को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है. पद्म सम्मान की सूची में राज्य के अन्य लोगों में केवी डूडेकेला, रानी मचैया, एन पी मुनिवेंकटप्पा, राशिद अहमद कादरी तथा एस सुब्बाराम आदि शामिल हैं.
ये भी पढ़ें - padma awards 2023 : दिवंगत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण, जाकिर हुसैन और एसएम कृष्णा भी होंगे सम्मानित