मुंबई : फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने शुक्रवार को यहां कहा कि रूस का यूक्रेन पर किया गया हमला विश्व व्यवस्था के खिलाफ 'जानबूझकर किया गया बलप्रयोग' है और यह केवल यूरोप की समस्या नहीं है.
उन्होंने कहा कि अलोकतांत्रिक चीन के नेतृत्व वाली दुनिया में रहना अमेरिका नीत दुनिया में रहने के समान नहीं है. फिलिप मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में 'असंतुलित दुनिया में संतुलन की तलाश' विषय पर व्याख्यान देने के लिए भारत की यात्रा पर हैं. पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के एक साल पूरे होने का संदर्भ देते हुए फिलिप ने कहा, 'अगर कोई यह सोचता है कि यूक्रेन की स्थिति यूरोप का मामला है, तो मैं आपको बता देना चाहता हूं कि यह ऐसा नहीं है.'
फिलिप ने कहा, 'यह जानबूझकर कर संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र, विश्व व्यवस्था और संप्रभु देशों की लोकतांत्रिक आकांक्षा के खिलाफ बल प्रयोग है. यह इन सभी पर बड़ा हमला है.'
फ्रांसीसी नेता और मौजूदा समय में ले हावरे शहर के महापौर की जिम्मेदारी संभाल रहे फिलिप द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 14 से 17 मार्च तक भारत की यात्रा पर हैं.
वह अप्रैल 2017 से जुलाई 2020 तक फ्रांस के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग के सवाल पर फिलिप ने कहा कि पृथ्वी के सभी समुद्रों में नौकायन खासतौर पर एशिया में एक चुनौती है.
उन्होंने कहा, 'सुरक्षा का भी मुद्दा है जिसे हमें देखना है. जैव विविधता संरक्षण को लेकर मुद्दे भी हैं. इसलिए चुनौतियां कई हैं. मुझे भरोसा है कि अगर भारत और फ्रांस हिंद-प्रशांत की धुरी का नेतृत्व करें, तो हम बहुत दूर तक जाएंगे और इच्छित नतीजे प्राप्त करेंगे...एकसाथ काम करना, विश्वास स्थापित करना और आपसी हितों की रक्षा करना वह धुरी है.'
उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि चीन ने कई संकेतकों में पहले ही अमेरिका को पछाड़ दिया है और वैश्विक शक्ति संतुलन में यह आमूल-चूल परिवर्तन है.
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(पीटीआई-भाषा)