नई दिल्ली: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के लिए समाधान निकालने की गंभीर प्रतिबद्धता के लिए भारत और अन्य वैश्विक दक्षिण देशों की सराहना की है. अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर 15 अगस्त को आयोजित मॉस्को सम्मेलन में लावरोव ने कहा कि हम निष्पक्ष और यथार्थवादी समाधान के रास्ते की तलाश में बढ़ावा देने के लिए चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, भारत और अन्य वैश्विक दक्षिण देशों की ईमानदार रुचि की सराहना करते हैं.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और हमारे देश के नेतृत्व ने बार-बार इसको लेकर बात की है. लावरोव ने कहा कि यह अत्यंत अहम है कि विकासशील देशों में हमारे दोस्तों की ओर से आने वाले प्रस्ताव इस तरह के हों की देश की अखंडता और सुरक्षा के सिद्धांत को कमजोर करने के पश्चिम के प्रयासों के बीच वास्तविक कारणों और प्रकृति की स्पष्ट समझ पर आधारित हों. बता दें कि लावरोव के द्वारा संघर्ष को हल करने के लिए समाधान खोजने के लिए भारत का विशेष उल्लेख विश्व पटल पर भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है.
वहीं भारत ने विभिन्न वैश्विक मंचों पर बार-बार यूक्रेन संघर्ष पर अपना रुख दोहराते हुए कहा है कि राजनयिक बातचीत ही संघर्ष को हल करने का तरीका है. इसमें शत्रुता को तत्काल समाप्त करने पर जोर दिया गया है. लावरोव की टिप्पणी आगामी ब्रिक्स और जी20 शिखर सम्मेलन से पहले आई है. ऐसे में जहां राष्ट्रपति पुतिन वस्तुतः ब्रिक्स जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, वहीं विदेश मंत्री लावरोव नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच जब से युद्ध छिड़ा है तब से भारत संकट से निपटने के लिए यूक्रेन को सभी मानवीय सहायता प्रदान करने में दृढ़ रह है. वहीं युद्ध छिड़ने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई बार बात कर चुके हैं. दरअसल, पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने युद्ध से बचने की जरूरत को रेखांकित किया था. साथ ही जब यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने की बात आती है तो भारत ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. दोनों ही पक्ष संघर्ष के न्यायसंगत समाधान तक पहुंचने में मदद और समर्थन के लिए भारत की ओर उम्मीद के साथ देखते हैं.
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