नई दिल्ली : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार रात अचानक राष्ट्र के नाम लंबा संबोधन दिया. इस संबोधन में उन्होंने दुनिया को चौंकाते हुए यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटने का ऐलान का कर दिया. उन्होंने यूक्रेन के प्रदेश दोनेत्स्क और लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी. साथ ही इन इलाकों को दो नए देशों के तौर पर मान्यता दे दी. रूसी राष्ट्रपति की इस घोषणा से युद्ध की आशंका बढ़ गई है.
ओटोमन साम्राज्य,1917 की क्रांति, रूसी नेताओं व्लादिमीर इलिच लेनिन और निकिता ख्रुश्चेव को याद करते हुए पुतिन ने दोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी. पुतिन ने कहा कि दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की संप्रभुता और स्वतंत्रता की पहचान के लिए यह पहले हो जाना चाहिए था.
अपने भाषण में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी सरकार, नाटो और अमेरिका के खिलाफ आरोपों का जिक्र किया. इससे यह माना जा रहा है कि उन्होंने इस तरह यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ताना-बाना बुना है. जब पुतिन संबोधन कर रहे थे, तब दोनेत्स्क और लुहांस्क के जनवादी नेता लियोनिद पासेचनिक और डेनिस पुशिलिन मास्को में मौजूद थे.
अगर रुस यूक्रेन पर हमला करता है तो इस क्षेत्र में एक बड़ा युद्ध हो सकता है. इस कारण विश्व के शक्तिशाली देशों में भी टकराव की आशंका बढ़ गई है. फिलहाल दोनेत्स्क और लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक में 'शांति-रखने' के नाम पर रुस ने अपनी सेना को यूक्रेन में भेजने का रास्ता साफ कर लिया है. इसके साथ ही मान्यता दिए गए इन दो देशों में सैन्य ठिकानों को विकसित करने का अधिकार हासिल कर लिया है. बता दें कि रुस पहले ही यूक्रेन की सीमा से लगे क्षेत्रों में 1,50,000 से अधिक सैनिकों और हथियारों के जखीरे को तैनात कर चुका है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भी मंगलवार को देश को संबोधित किया. उन्होंने कहा रुस की एकतरफा मान्यता की यूक्रेन परवाह नहीं करता है. यूक्रेन की अंतराष्ट्रीय सीमा और क्षेत्र अपरिवर्तित ही रहेंगे. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रुस के इस फैसले की निंदा की है. इसी संकट पर विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक चल रही है.
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