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Ruckus over conversion in Narayanpur:धर्मांतरण की वजह से नारायणपुर में शव दफनाने को लेकर हंगामा !

Uproar over burial of dead body: नारायणपुर में शव दफनाने को लेकर आदिवासी समाज और ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों के बीच हंगामा हो गया. 3 दिन बाद पुलिस प्रशासन के बीच शव को दफनाया गया. Narayanpur news. आदिवासी समाज का आरोप है कि मृत महिला ने पहले ईसाई धर्म अपना लिया था. इसलिए उसका अंतिम संस्कार नहीं कर सकते. पहले उसके परिवार को आदिवासी धर्म अपनाना पड़ेगा. फिर अंतिम संस्कार होगा. काफी हंगामे के बाद पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.Ruckus over conversion in Narayanpur

Ruckus over conversion in Narayanpur
धर्मांतरण की वजह से अंतिम संस्कार का विरोध
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Published : Oct 23, 2022, 3:02 PM IST

नारायणपुर: (Ruckus over conversion in Narayanpur) नारायणपुर में धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामा हुआ (Narayanpur news). यहां एक महिला जो आदिवासी थी उसने धर्म परिवर्तन कर इसाई धर्म अपना लिया. अब उसकी मृत्यु हो जाने के बाद शव दफनाने को लेकर हंगामा हुआ. मृत महिला ईसाई धर्म की होने की वजह से गांव के सर्व आदिवासी समाज ने गांव में जगह देने से मना कर दिया. लगभग 50 घंटे के हंगामे के बाद पुलिस ने शव को कस्टडी में लिया और ईसाई मिशनरी कब्रिस्तान में शव को दफन करवाया (Uproar over burial of dead body).

धर्मांतरण की वजह से अंतिम संस्कार का विरोध

सर्वआदिवासी समाज और ईसाई मिशनरी के लोगों के बीच हंगामा: मूल आदिवासी से ईसाई धर्म अपनाने वाली महिला की गुरुवार को मौत हो गई थी. महिला के शव को जब दफनाने की बात आई तो सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने महिला का शव गांव में दफनाने नहीं दिया. जिसके बाद आदिवासी समाज और ईसाई मिशनरी पक्ष में हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते सर्व आदिवासी समाज के लोग और ईसाई समर्थक बड़ी संख्या में भाटपाल गांव पहुंच गए. पुलिस और जिला प्रशासन पहुंची. दोनों पक्षों को बहुत समझाने की कोशिश की गई. लेकिन दोनों ही पक्ष नहीं माने.

MCB: छिपछिपी उप स्वास्थ्य केंद्र में महिला स्वास्थ्य अधिकारी के साथ रेप, तीन आरोपी गिरफ्तार एक फरार

शव दफनाने को लेकर हंगामा: शुक्रवार को भी सर्व आदिवासी समाज के कंगाल परगना क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोग शव को गांव में नहीं दफनाने पर अड़े रहे. आदिवासियों ने शर्त रखी कि मृतक का परिवार अगर मूल धर्म में वापस आएगा तो पूरे रीति रिवाज के साथ शव को गांव में दफनाने दिया जाएगा. लेकिन ईसाई मिशनरी और परिवार ने शर्तों को नहीं माना.

शनिवार को चुपके से शव को दफनाने मृतिका के परिजन गड्ढा खोदने लगे तो कुछ लोगों को पता चल गया. जिसके बाद गड्ढे को पाट दिया गया. बाद में ईसाई समर्थक शव को लेकर खेत में दफनाने पहुंचे. जहां दोनों पक्षों के बीच भारी हंगामा हुआ. शाम 4 बजे मृतक को भारी हंगामे के बाद पुलिस बल की मौजूदगी में ईसाई कब्रिस्तान में शव को दफनाया गया.

35 साल की महिला का गुरुवार को हुआ था निधन: भाटपाल गांव के जगनू राम गावड़े, श्याम लाल पोटाई ने बताया कि "जानकी सोरी उम्र 35 वर्ष की अज्ञात बीमारी के चलते गुरुवार को मौत हो गई. पहले परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था. सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने परिवार को मूल धर्म में वापस आने को कहा लेकिन परिवार नहीं माना. जिसके बाद उसकी मौत पर भी बवाल बढ़ा. लेकिन पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया.

नारायणपुर: (Ruckus over conversion in Narayanpur) नारायणपुर में धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामा हुआ (Narayanpur news). यहां एक महिला जो आदिवासी थी उसने धर्म परिवर्तन कर इसाई धर्म अपना लिया. अब उसकी मृत्यु हो जाने के बाद शव दफनाने को लेकर हंगामा हुआ. मृत महिला ईसाई धर्म की होने की वजह से गांव के सर्व आदिवासी समाज ने गांव में जगह देने से मना कर दिया. लगभग 50 घंटे के हंगामे के बाद पुलिस ने शव को कस्टडी में लिया और ईसाई मिशनरी कब्रिस्तान में शव को दफन करवाया (Uproar over burial of dead body).

धर्मांतरण की वजह से अंतिम संस्कार का विरोध

सर्वआदिवासी समाज और ईसाई मिशनरी के लोगों के बीच हंगामा: मूल आदिवासी से ईसाई धर्म अपनाने वाली महिला की गुरुवार को मौत हो गई थी. महिला के शव को जब दफनाने की बात आई तो सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने महिला का शव गांव में दफनाने नहीं दिया. जिसके बाद आदिवासी समाज और ईसाई मिशनरी पक्ष में हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते सर्व आदिवासी समाज के लोग और ईसाई समर्थक बड़ी संख्या में भाटपाल गांव पहुंच गए. पुलिस और जिला प्रशासन पहुंची. दोनों पक्षों को बहुत समझाने की कोशिश की गई. लेकिन दोनों ही पक्ष नहीं माने.

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शव दफनाने को लेकर हंगामा: शुक्रवार को भी सर्व आदिवासी समाज के कंगाल परगना क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोग शव को गांव में नहीं दफनाने पर अड़े रहे. आदिवासियों ने शर्त रखी कि मृतक का परिवार अगर मूल धर्म में वापस आएगा तो पूरे रीति रिवाज के साथ शव को गांव में दफनाने दिया जाएगा. लेकिन ईसाई मिशनरी और परिवार ने शर्तों को नहीं माना.

शनिवार को चुपके से शव को दफनाने मृतिका के परिजन गड्ढा खोदने लगे तो कुछ लोगों को पता चल गया. जिसके बाद गड्ढे को पाट दिया गया. बाद में ईसाई समर्थक शव को लेकर खेत में दफनाने पहुंचे. जहां दोनों पक्षों के बीच भारी हंगामा हुआ. शाम 4 बजे मृतक को भारी हंगामे के बाद पुलिस बल की मौजूदगी में ईसाई कब्रिस्तान में शव को दफनाया गया.

35 साल की महिला का गुरुवार को हुआ था निधन: भाटपाल गांव के जगनू राम गावड़े, श्याम लाल पोटाई ने बताया कि "जानकी सोरी उम्र 35 वर्ष की अज्ञात बीमारी के चलते गुरुवार को मौत हो गई. पहले परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था. सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने परिवार को मूल धर्म में वापस आने को कहा लेकिन परिवार नहीं माना. जिसके बाद उसकी मौत पर भी बवाल बढ़ा. लेकिन पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार किया गया.

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