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कर्नाटक विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस प्रमुख और मंत्री के बीच मारपीट होते-होते बची

कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) में बुधवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच तीखी नोकझोंक के बीच सदन में भारी हंगामा (Huge commotion in the house) हुआ. उनके बीच मारपीट होते होते बची.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Feb 16, 2022, 8:49 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) में स्थिति तब तनावपूर्ण हो गयी जब विपक्ष के नेता सिद्धरमैया स्थगन प्रस्ताव की मांग करते हुए अपनी बात रख रहे थे. वह ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा को उनके हाल के इस दावे को लेकर बर्खास्त करने एवं उनके विरूद्ध राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे कि भगवा ध्वज भविष्य में राष्ट्र ध्वज बन सकता है.

इस पर दोनों के बीच तब गरमागरम बहस शुरू हुई. जब विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने ईश्वरप्पा का पक्ष जानना चाहा क्योंकि स्थगन प्रस्ताव में उनके विरूद्ध आरोप लगाये गये थे. इसका विरोध करते हुए शिवकुमार ने कहा कि हम उन्हें (ईश्वरप्पा को बोलने) नहीं दे सकते. बताया जाता है कि इस पर ईश्वरप्पा ने कुछ टिप्पणी की लेकिन शोर-शराब के कारण वह स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं पड़ी. शिवकुमार ने दावा किया कि ईश्वरप्पा ने कहा है कि यह सदन तुम्हारे बाप की संपत्ति नहीं है. यह दावा करते हुए शिवकुमार ने गुस्से में अपनी पार्टी के कुछ विधायकों के साथ ईश्वरप्पा की ओर बढ़ने की कोशिश की. तब ईश्वरप्पा भी अपनी सीट से उठकर उनकी ओर बढ़े और दोनों एक दूसरे के बिल्कुल करीब आ गये थे.

अध्यक्ष को लगा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है और उन्होंने सदन की कार्यवाही भेाजनावकाश के लिए स्थगित कर दी. उस बीच मार्शलों ने कुछ विधायकों के साथ उत्तेजित सदस्यों को समझाने-बुझाने एवं शांत करने का प्रयास किया. पहले भी दोनों नेता विधानसभा में गरमा-गरम बहस में उलझे और एक दूसरे को देशद्रोही एवं राष्ट्रद्रोही कहते हुए सुनाई दिए. जब अध्यक्ष ने ईश्वरप्पा को बोलने का मौका देने का प्रयास किया तब शिवकुमार ने कहा कि आप उस व्यक्ति की बात क्यों सुनना चाहते हैं जो देशद्रोह में शामिल हो.

उसपर ईश्वरप्पा ने शिवकुमार को देशद्रोही बताते हुए उन पर राज्य के संसाधनों को लूटने का आरोप लगाया और उन्हें सलाखों के पीछे डालने की मांग की. उन्होंने कहा कि आप जमानत पर हैं मैं नहीं हूं. जब दोनों पक्ष से विधायक अपने अपने नेता के पक्ष में खड़े हो गये और नोकझोंक करने लगे तब बहुत हंगामेदार स्थिति बन गयी. अध्यक्ष ने विधानसभा कर्मियों से माइक बंद करने को कहा.

यह भी पढ़ें- पंजाब में 'यूपी-बिहार के भैय्ये' और 'काला' पर घमासान, विवादों में प्रियंका-चन्नी

ईश्वरप्पा ने हाल में दावा किया था कि भगवा ध्वज भविष्य में कभी राष्ट्र ध्वज बन सकता है और तब उसे लालकिले की प्राचीर से फहराया जा सकता है. सिद्धरमैया ने कहा कि ईश्वरप्पा ने वरिष्ठ मंत्री के तौर पर राष्ट्र ध्वज का अपमान किया है इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किया जाए. जब सिद्धरमैया अपनी बात रख रहे थे तब भाजपा विधायक सीटी रवि ने कांग्रेस सरकारों पर अतीत में उन लोगों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया जो हाथ में राष्ट्र ध्वज लिए हुए थे. उस पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि आरएसएस ने आजादी के बाद लंबे समय तक तिरंगा नहीं फहराया. उसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष में तीखी नोकझोंक होने लगी.

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) में स्थिति तब तनावपूर्ण हो गयी जब विपक्ष के नेता सिद्धरमैया स्थगन प्रस्ताव की मांग करते हुए अपनी बात रख रहे थे. वह ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा को उनके हाल के इस दावे को लेकर बर्खास्त करने एवं उनके विरूद्ध राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे थे कि भगवा ध्वज भविष्य में राष्ट्र ध्वज बन सकता है.

इस पर दोनों के बीच तब गरमागरम बहस शुरू हुई. जब विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने ईश्वरप्पा का पक्ष जानना चाहा क्योंकि स्थगन प्रस्ताव में उनके विरूद्ध आरोप लगाये गये थे. इसका विरोध करते हुए शिवकुमार ने कहा कि हम उन्हें (ईश्वरप्पा को बोलने) नहीं दे सकते. बताया जाता है कि इस पर ईश्वरप्पा ने कुछ टिप्पणी की लेकिन शोर-शराब के कारण वह स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं पड़ी. शिवकुमार ने दावा किया कि ईश्वरप्पा ने कहा है कि यह सदन तुम्हारे बाप की संपत्ति नहीं है. यह दावा करते हुए शिवकुमार ने गुस्से में अपनी पार्टी के कुछ विधायकों के साथ ईश्वरप्पा की ओर बढ़ने की कोशिश की. तब ईश्वरप्पा भी अपनी सीट से उठकर उनकी ओर बढ़े और दोनों एक दूसरे के बिल्कुल करीब आ गये थे.

अध्यक्ष को लगा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है और उन्होंने सदन की कार्यवाही भेाजनावकाश के लिए स्थगित कर दी. उस बीच मार्शलों ने कुछ विधायकों के साथ उत्तेजित सदस्यों को समझाने-बुझाने एवं शांत करने का प्रयास किया. पहले भी दोनों नेता विधानसभा में गरमा-गरम बहस में उलझे और एक दूसरे को देशद्रोही एवं राष्ट्रद्रोही कहते हुए सुनाई दिए. जब अध्यक्ष ने ईश्वरप्पा को बोलने का मौका देने का प्रयास किया तब शिवकुमार ने कहा कि आप उस व्यक्ति की बात क्यों सुनना चाहते हैं जो देशद्रोह में शामिल हो.

उसपर ईश्वरप्पा ने शिवकुमार को देशद्रोही बताते हुए उन पर राज्य के संसाधनों को लूटने का आरोप लगाया और उन्हें सलाखों के पीछे डालने की मांग की. उन्होंने कहा कि आप जमानत पर हैं मैं नहीं हूं. जब दोनों पक्ष से विधायक अपने अपने नेता के पक्ष में खड़े हो गये और नोकझोंक करने लगे तब बहुत हंगामेदार स्थिति बन गयी. अध्यक्ष ने विधानसभा कर्मियों से माइक बंद करने को कहा.

यह भी पढ़ें- पंजाब में 'यूपी-बिहार के भैय्ये' और 'काला' पर घमासान, विवादों में प्रियंका-चन्नी

ईश्वरप्पा ने हाल में दावा किया था कि भगवा ध्वज भविष्य में कभी राष्ट्र ध्वज बन सकता है और तब उसे लालकिले की प्राचीर से फहराया जा सकता है. सिद्धरमैया ने कहा कि ईश्वरप्पा ने वरिष्ठ मंत्री के तौर पर राष्ट्र ध्वज का अपमान किया है इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किया जाए. जब सिद्धरमैया अपनी बात रख रहे थे तब भाजपा विधायक सीटी रवि ने कांग्रेस सरकारों पर अतीत में उन लोगों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया जो हाथ में राष्ट्र ध्वज लिए हुए थे. उस पर पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि आरएसएस ने आजादी के बाद लंबे समय तक तिरंगा नहीं फहराया. उसके बाद सत्ता पक्ष एवं विपक्ष में तीखी नोकझोंक होने लगी.

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