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बिहार : मुंगेर आर्ट सेंटर में पिछले नौ महीने से बिना इस्तेमाल पड़ी रही RT-PCR मशीन - मुंगेर आर्ट सेंटर

सिस्टम की लापरवाही और लचर व्यवस्था के कारण मुंगेर के एआरटी सेंटर में RT-PCR मशीन धूल फांक रही है. जिले के लोगों को RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनो का इंजतार करना पड़ता है.

मुंगेर आर्ट सेंटर
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Published : May 14, 2021, 12:13 PM IST

मुंगेरः देश समेत पूरे बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जोर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर दिया जा रहा है, क्योंकि कोरोना से बचने और इसके इलाज का पहला कदम टेस्टिंग से शुरू होता है, लेकिन महामारी के बीच में भी सिस्टम की उदासीनता और लापरवाही बरकरार है. यह भी एक कारण है कि कोरोना संक्रमण को अपना प्रसार करने में और ज्यादा रफ्तार मिल रही है.

ऐसा ही एक लापरवाही का मामला बिहार के मुंगेर आर्ट सेंटर से सामने आया है. यहां कोरोना जांच का हाल भी सिस्टम की लापरवाही के कारण दम तोड़ चुका है. दरअसल, इस कठिन समय में भी स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण पिछले नौ महीने से जिले को आरटी-पीसीआर मशीन का लाभ नहीं मिल रहा है. आरटी-पीसीआर मशीन केवल शोभा की वस्तु बनकर मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी हुई है.

मुंगेर आर्ट सेंटर

इसे भी पढ़ेंः मुंगेरः हड़ताल के बाद अब धरने पर बैठे पारा मेडिकल स्वास्थ्य कर्मी, नियोजन की कर रहे हैं मांग

महीनों से धूल फांक रहा आरटी-पीसीआर मशीन

जिले में पिछले साल संक्रमण के भयावह मामले सामने आने के बाद यहां सितंबर 2020 में ही आरटी-पीसीआर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन बीते नौ महीने से जिले में आरटी-पीसीआर मशीन धूल फांक रही है, जिसके कारण अभी भी कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.

ऐसे में लोगों को अपनी आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि अप्रैल से मई माह के बीच 36,700 नमुनों को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजा जा चुका है. ऐसे में न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है.

फाइल की तरह यहां से वहां शिफ्ट हो रही RT-PCR मशीन

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुंगेर आर्ट सेंटर को आरटी-पीसीआर मशीन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया तो जिला स्वास्थ्य समिति ने इसे नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस के भवन में रखवा दिया. जब जिले को आरटी-पीसीआर मशीन मिली तो पोस्टमार्टम हाउस का अस्तित्व बचाने के लिए इसे यक्ष्मा केंद्र के भवन में स्थापित करने की बात कही गई.

उसके बाद पिछले पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के ऊपरी तल पर आरटी-पीसीआर मशीन को स्थापित करने की बात चल रही है. किंतु अब तक सारी बातें सिर्फ हवा-हवाई ही साबित हो रही हैं.

ये भी पढ़ें : देश में पिछले 24 घंटे में 3.43 लाख नए मामले, 4000 लोगों की मौत

मशीन के शुरू होने से कई जिलों को मिलेगा लाभ

प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में आरटी-पीसीआर मशीन से कोविड-19 की जांच शुरू होने से न सिर्फ मुंगेर बल्कि प्रंडल के जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय तथा शेखपुरा जिले के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि आरटी-पीसीआर मशीन को स्थापित करने के लिए जगह का चयन हो चुका है. टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. जिले में जल्द ही आरटी-पीसीआर मशीन से जांच शुरू होगी.

मुंगेरः देश समेत पूरे बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जोर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर दिया जा रहा है, क्योंकि कोरोना से बचने और इसके इलाज का पहला कदम टेस्टिंग से शुरू होता है, लेकिन महामारी के बीच में भी सिस्टम की उदासीनता और लापरवाही बरकरार है. यह भी एक कारण है कि कोरोना संक्रमण को अपना प्रसार करने में और ज्यादा रफ्तार मिल रही है.

ऐसा ही एक लापरवाही का मामला बिहार के मुंगेर आर्ट सेंटर से सामने आया है. यहां कोरोना जांच का हाल भी सिस्टम की लापरवाही के कारण दम तोड़ चुका है. दरअसल, इस कठिन समय में भी स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण पिछले नौ महीने से जिले को आरटी-पीसीआर मशीन का लाभ नहीं मिल रहा है. आरटी-पीसीआर मशीन केवल शोभा की वस्तु बनकर मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी हुई है.

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महीनों से धूल फांक रहा आरटी-पीसीआर मशीन

जिले में पिछले साल संक्रमण के भयावह मामले सामने आने के बाद यहां सितंबर 2020 में ही आरटी-पीसीआर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन बीते नौ महीने से जिले में आरटी-पीसीआर मशीन धूल फांक रही है, जिसके कारण अभी भी कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.

ऐसे में लोगों को अपनी आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि अप्रैल से मई माह के बीच 36,700 नमुनों को आरटी-पीसीआर जांच के लिए पटना भेजा जा चुका है. ऐसे में न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है.

फाइल की तरह यहां से वहां शिफ्ट हो रही RT-PCR मशीन

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुंगेर आर्ट सेंटर को आरटी-पीसीआर मशीन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया तो जिला स्वास्थ्य समिति ने इसे नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस के भवन में रखवा दिया. जब जिले को आरटी-पीसीआर मशीन मिली तो पोस्टमार्टम हाउस का अस्तित्व बचाने के लिए इसे यक्ष्मा केंद्र के भवन में स्थापित करने की बात कही गई.

उसके बाद पिछले पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के ऊपरी तल पर आरटी-पीसीआर मशीन को स्थापित करने की बात चल रही है. किंतु अब तक सारी बातें सिर्फ हवा-हवाई ही साबित हो रही हैं.

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मशीन के शुरू होने से कई जिलों को मिलेगा लाभ

प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में आरटी-पीसीआर मशीन से कोविड-19 की जांच शुरू होने से न सिर्फ मुंगेर बल्कि प्रंडल के जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय तथा शेखपुरा जिले के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि आरटी-पीसीआर मशीन को स्थापित करने के लिए जगह का चयन हो चुका है. टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. जिले में जल्द ही आरटी-पीसीआर मशीन से जांच शुरू होगी.

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