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स्वदेशी जागरण मंच ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक पर संसदीय समिति को संशोधन के दिए सुझाव

आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि उसने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक में कुछ ऐसे संशोधनों का सुझाव देते हुए संसदीय समिति को ज्ञापन सौंपा है. जिनसे 'आत्मनिर्भर भारत' के 'राष्ट्रीय उद्देश्य' को हासिल करने में मदद मिल सकती है.

स्वदेशी जागरण मंच
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Published : Jul 15, 2021, 10:09 PM IST

नई दिल्ली : आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा कि उसने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक में कुछ ऐसे संशोधनों का सुझाव देते हुए संसदीय समिति को ज्ञापन सौंपा है, जिनसे 'आत्मनिर्भर भारत' के ‘राष्ट्रीय उद्देश्य’ को हासिल करने में मदद मिल सकती है.

कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति 'कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020' पर विचार कर रही है. इस विधेयक को पिछले साल 23 मार्च को राज्यसभा में पेश किय गया था और फिर इसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था.

एसजेएम के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने एक बयान में कहा कि समिति ने इस विधेयक को लेकर सभी संबंधित पक्षों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे. स्वदेशी जागरण मंच ने समिति को अपना ज्ञापन सौंपा है.

एसजेएम ने विधेयक में 'कमियों' का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें घरेलू विनिर्माण क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के 'पर्याप्त प्रावधान' नहीं हैं.

उसने दावा किया कि इस विधेयक ऐसे कई प्रावधान हैं जो आयातकों और निर्यातकों के हितों को बढ़ावा देते हैं.

इसे भी पढ़े-पीएम मोदी का यूपी दौरा: नजर काशी पर, निशाना पूर्वांचल पर

एसजेएम ने कहा कि घेरलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा होनी चाहिए और इसके लिए विधेयक में कड़े प्रावधान होने चाहिए.

पिछले साल फरवरी में कैंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो. विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किये गये हैं. विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने कहा कि उसने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक में कुछ ऐसे संशोधनों का सुझाव देते हुए संसदीय समिति को ज्ञापन सौंपा है, जिनसे 'आत्मनिर्भर भारत' के ‘राष्ट्रीय उद्देश्य’ को हासिल करने में मदद मिल सकती है.

कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति 'कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020' पर विचार कर रही है. इस विधेयक को पिछले साल 23 मार्च को राज्यसभा में पेश किय गया था और फिर इसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था.

एसजेएम के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने एक बयान में कहा कि समिति ने इस विधेयक को लेकर सभी संबंधित पक्षों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे. स्वदेशी जागरण मंच ने समिति को अपना ज्ञापन सौंपा है.

एसजेएम ने विधेयक में 'कमियों' का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें घरेलू विनिर्माण क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के 'पर्याप्त प्रावधान' नहीं हैं.

उसने दावा किया कि इस विधेयक ऐसे कई प्रावधान हैं जो आयातकों और निर्यातकों के हितों को बढ़ावा देते हैं.

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एसजेएम ने कहा कि घेरलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा होनी चाहिए और इसके लिए विधेयक में कड़े प्रावधान होने चाहिए.

पिछले साल फरवरी में कैंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो. विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किये गये हैं. विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

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