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केरल सहकारी बैंक पर ₹ 100 करोड़ के ऋण घोटाले का आरोप

त्रिशूर जिले के एक सहकारी बैंक में कथित तौर पर ₹100 करोड़ का ऋण घोटाला सामने आया है. स्थानीय ग्राहकों सहित कई लोगों द्वारा बैंक के कामकाज के बारे में आशंका जताए जाने के बाद हाल ही में वहां एक ऑडिट किया गया था. जिसमें कथित तौर पर ये आरोप सही पाए गए थे.

करोड़ का ऋण घोटाला
करोड़ का ऋण घोटाला
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Published : Jul 20, 2021, 12:33 AM IST

त्रिशूर (केरल) : केरल के त्रिशूर जिले के एक सहकारी बैंक में कथित तौर पर ₹100 करोड़ का ऋण घोटाला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने छह बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई है.

धोखाधड़ी का ये आरोप यहां इरिंजालकुडा में सत्तारूढ़ माकपा के नियंत्रण वाले कारावन्नूर सहकारी बैंक के खिलाफ लगाए गए हैं. स्थानीय ग्राहकों सहित कई लोगों द्वारा बैंक के कामकाज के बारे में आशंका जताए जाने के बाद, हाल ही में वहां एक ऑडिट किया गया था. जिसमें कथित तौर पर ये आरोप सही पाए गए थे.
बताया कि निरीक्षण के दौरान, यह भी पाया गया कि स्थानीय ग्राहकों को जानकारी दिए बिना उनके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति पर ऋण स्वीकृत किया गया और ऋण राशि चुनिंदा खातों में कई बार जमा की गई.

सूत्रों ने बताया कि ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर बैंक के अध्यक्ष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार करीब ₹100 करोड़ की धोखाधड़ी का पता चला है.

अधिकारी ने बताया इसे एक धोखाधड़ी माना गया है. जो पिछले कई सालों से जारी थी इसलिए, हम मामले की विस्तृत जांच और ऋण दस्तावेजों की जांच के बाद ही धोखाधड़ी के सही स्तर का पता लगा सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि बैंक के सचिव सहित छह बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिन्हें आरोपों के चलते पहले ही निलंबित कर दिया गया है.

इसे भी पढ़े-पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिए 3.35 लाख करोड़ रुपये हुआ राजस्व संग्रह

उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली रूप में इस्तेमाल करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) सहित कई धाराएं लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि मामले को आगे जांच के लिए अपराध शाखा को सौंप दिया जाएगा. क्योंकि घोटाले में कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का संदेह है.

आरोपों के बाद, मार्क्सवादी पार्टी शासित बैंक की 13 सदस्यीय समिति को भंग कर दिया गया है.
(पीटीआई-भाषा)

त्रिशूर (केरल) : केरल के त्रिशूर जिले के एक सहकारी बैंक में कथित तौर पर ₹100 करोड़ का ऋण घोटाला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने छह बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई है.

धोखाधड़ी का ये आरोप यहां इरिंजालकुडा में सत्तारूढ़ माकपा के नियंत्रण वाले कारावन्नूर सहकारी बैंक के खिलाफ लगाए गए हैं. स्थानीय ग्राहकों सहित कई लोगों द्वारा बैंक के कामकाज के बारे में आशंका जताए जाने के बाद, हाल ही में वहां एक ऑडिट किया गया था. जिसमें कथित तौर पर ये आरोप सही पाए गए थे.
बताया कि निरीक्षण के दौरान, यह भी पाया गया कि स्थानीय ग्राहकों को जानकारी दिए बिना उनके द्वारा गिरवी रखी गई संपत्ति पर ऋण स्वीकृत किया गया और ऋण राशि चुनिंदा खातों में कई बार जमा की गई.

सूत्रों ने बताया कि ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर बैंक के अध्यक्ष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार करीब ₹100 करोड़ की धोखाधड़ी का पता चला है.

अधिकारी ने बताया इसे एक धोखाधड़ी माना गया है. जो पिछले कई सालों से जारी थी इसलिए, हम मामले की विस्तृत जांच और ऋण दस्तावेजों की जांच के बाद ही धोखाधड़ी के सही स्तर का पता लगा सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि बैंक के सचिव सहित छह बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिन्हें आरोपों के चलते पहले ही निलंबित कर दिया गया है.

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उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली रूप में इस्तेमाल करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) सहित कई धाराएं लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि मामले को आगे जांच के लिए अपराध शाखा को सौंप दिया जाएगा. क्योंकि घोटाले में कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का संदेह है.

आरोपों के बाद, मार्क्सवादी पार्टी शासित बैंक की 13 सदस्यीय समिति को भंग कर दिया गया है.
(पीटीआई-भाषा)

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