नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल (rpn singh joins bjp) हो गए. उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देने (rpn singh quits congress) के बाद बीजेपी ज्वाइन की है. आरपीएन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को भेजे पत्र में आरपीएन सिंह ने लिखा कि वे कांग्रेस की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन का नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं.
आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर समेत यूपी भाजपा के कई नेता मौजूद रहे. आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे.
आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल होने पर संतुष्ट दिखे. उन्होंने कहा, 32 सालों तक मैं जिस पार्टी में रहा, उसमें अब पहले जैसी बात नहीं रही. बहुत साल से लोग मुझसे कहते थे, कि मुझे भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए, लेकिन आज यही कह सकता हूं, देर आए, दुरुस्त आए. यूपी हिंदुस्तान का दिल है, यूपी में प्रगति होगी तो देश में प्रगति होगी. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में कानून व्यवस्था को ठीक करने का काम किया गया है. आरपीएन सिंह ने कहा कि देश और यूपी के निर्माण में एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में उन्हें जो भी भूमिका मिलेगी, वे उसका निर्वाह करेंगे.
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने आरपीएन सिंह को पार्टी की सदस्यता की पर्ची सौंपी. धर्मेंद्र प्रधान ने आरपीएन सिंह का भाजपा में स्वागत किया. प्रधान ने कहा कि आरपीएन सिंह जब कांग्रेस पार्टी में थे, भारत सरकार में नॉर्थ ब्लॉक में बैठते थे, तो उन्होंने उनसे कहा था कि आप जैसे व्यक्ति नरेंद्र मोदी जी के साथ होने चाहिए.
आरपीएन सिंह ने भाजपा ज्वाइन करने से थोड़ी देर पहले ट्वीट कर लिखा कि वे पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के नेतृत्व में काम करने को तत्पर हैं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि देश जब गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है तो वे अपने जीवन में नया चैप्टर शुरू कर रहे हैं.
आरपीएन सिंह के पार्टी से इस्तीफे पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो लड़ाई लड़ रही है, वह बहादुरी से ही लड़ी जा सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो संघर्ष कर रही है, इसके लिए साहस और ताकत की जरूरत है. सुप्रिया ने कहा कि प्रियंका गांधी ने स्पष्ट किया है, जो लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है, कायर लोग इसे नहीं लड़ सकते.
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#WATCH | The battle which Congress party is fighting can be fought only with bravery... It requires courage, strength and Priyanka Gandhi Ji has said that coward people can't fight it: Congress Spokesperson Supriya Shrinate on RPN Singh's resignation from the party pic.twitter.com/gGqONbdIYG
— ANI (@ANI) January 25, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 25, 2022
राजनीतिक कद
आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल, 1964 को पडरौना राजपरिवार में हुआ था. आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. इन्हें पडरौना में राजा हेब और भैया जी कहा जाता है. पडरौना को लेकर माना जाता है कि ये वही जगह है जहां गौतम बुद्ध ने आखिरी बार भोजन किया था. आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह (CPN Singh) को राजनीति में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) लेकर आई थीं. सीपीएन सिंह कुशीनगर से लोकसभा सांसद थे.
आरपीएन सिंह के पिता 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा राज्यमंत्री भी रहे. सीपीएन सिंह के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी ने 1980 में लोकसभा चुनाव का प्रचार पडरौना से ही शुरू किया था. इस चुनावी रैली का आयोजन सीपीएन सिंह ने ही करवाया था.
कांग्रेस में अहम पदों पर रहे आरपीएन सिंह
बता दें कि आरपीएन सिंह यूपी की राजनीति में सक्रिय रह चुके हैं. ऐसे में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले आरपीएन सिंह का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश से से तीन बार कांग्रेस के विधायक एवं एक बार सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस संगठन में आरपीएन कई बड़े पदों पर रह चुके हैं. 1997 से 1999 तक आरपीएन उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे. 2003 से 2006 तक ऑल इंडिया कांग्रेस समिति (AICC) के सचिव रहे.
स्वामी प्रसाद मौर्य को हराकर लोकसभा पहुंचे
झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरपीएन सिंह को प्रदेश प्रभारी बनाया था. आरपीएन की अगुवाई में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और वहां गठबंधन की सरकार बनी. 1993 में आरपीएन सिंह ने पहली बार पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. इसके बाद 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना से यूपी विधानसभा चुनाव (up assembly election) जीते. लोक सभा चुनाव में एक बार हारने के बाद 2009 में आरपीएन सिंह ने लोकसभा चुनाव जीता. आरपीएन कुशीनगर संसदीय सीट जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को 21 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. फिलहाल समाजवादी पार्टी के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य 2009 में बहुजन समाज पार्टी में थे.
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लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आरपीएन सिंह मनमोहन सिंह की सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए थे. आरपीएन सड़क परिवहन मंत्री और पेट्रोलियम मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे. 2014 और 2019 के लोक सभा चुनाव में आरपीएन सिंह जीत हासिल नहीं कर सके. आरपीएन सिंह ने साल 2002 में पत्रकार सोनिया सिंह से शादी की. आरपीएन और सोनिया की तीन बेटियां हैं.