नई दिल्ली : महिलाओं की सुरक्षा के लिए तत्पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और रेलवे के अग्रिम पंक्ति कर्मचारियों ने मिल कर बीते माह ऑपरेशन महिला सुरक्षा चला कर सवा दो लाख महिलाओं को सहायता प्रदान की और पिछले एक महीने में महिला कोचों में यात्रा करने पर सात हजार लोगों को गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं आरपीएफ ने 150 लड़कियों और महिलाओं को मानव तस्करी का शिकार होने से भी बचाया.
भारतीय रेलों में महिलाओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं. महिला सुरक्षा के इस उद्देश्य को समर्पित एक अखिल भारतीय अभियान 'ऑपरेशन महिला सुरक्षा' पिछले महीने 3 से 31 मई 2022 तक चलाया गया था. अभियान के दौरान आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनाधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 7000 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय पहल 'मेरी सहेली' भी चालू की गई है. इसके तहत प्रशिक्षित महिला अधिकारियों और कर्मियों की 283 टीमें (223 स्टेशनों को कवर करती हैं) औसत कुल तैनाती के साथ प्रति दिन 1125 महिला आरपीएफ कर्मियों को भारतीय रेलवे में तैनात किया जाता है.
इस बारे में रेलवे अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान 2,25,000 से अधिक महिलाओं के साथ बातचीत करके उन्हें गंतव्य तक पहुंचने तक सुरक्षा मुहैया कराई गई.साथ ही इस अवधि के दौरान पुरुष और महिला आरपीएफ कर्मियों की संयुक्त टीम के साथ ट्रेन एस्कॉर्ट ड्यूटी भी लगाई गई थी. अधिकारी ने कहा, मिश्रित एस्कॉर्ट ड्यूटी कुछ महीने पहले शुरू हुई है और इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.
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दिलचस्प बात यह है कि रेल यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा और क्या करें और क्या न करें आदि विषयों के बारे में जागरूक करने के लिए 5742 जागरूकता अभियान भी चलाए गए. अधिकारी ने कहा, इस महीने आरपीएफ कर्मियों ने 10 महिलाओं की जान बचाई, जो चलती ट्रेन में चढ़ते समय फिसल गई थीं और उनके चलती ट्रेन की चपेट में आने की संभावना थी.