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Urban Naxalism case : रोना विल्सन को मिली जमानत, जानें मामला - rona wilson

एल्गार परिषद्- माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता रोना विल्सन को एनआईए की विशेष अदालत ने पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को 15 दिनों की अस्थायी जमानत की मंजूरी दे दी. उनके पिता का पिछले महीने केरल में उनके घर पर निधन हो गया था.

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Published : Sep 7, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 5:30 PM IST

मुंबई : भीमा कोरेगांव और अर्बन नक्सलवाद के आरोपी रोना विल्सन (Rona Wilson) को मुंबई की एक एनआईए अदालत ने पिता के अंतिम संस्कार से जुड़े कार्य में शामिल होने के लिए अस्थायी जमानत दे दी है.

बता दें कि रोना विल्सन के पिता का 18 अगस्त 2021 को केरल में निधन हो गया था.

30वें दिन यानी 16 सितंबर को केरल के एक चर्च में परंपरागत नियम किए जाएंगे. इसके लिए अदालत ने विल्सन को दो सप्ताह की अस्थायी जमानत दी है.

आपकाे बता दें कि रोना विल्सन को जुलाई 2018 में गिरफ्तार किया गया था. वह वर्तमान में यूएपीए अधिनियम के तहत न्यायिक हिरासत में है.

विशेष न्यायाधीश डी. ई. कोठालीकर ने उन्हें 13 सितंबर से 27 सितंबर तक अंतरिम जमानत दे दी और जेल में बंद कार्यकर्ता को कुछ राहत देते हुए उन पर कुछ शर्तें भी लगाईं. न्यायाधीश ने आरोपी को अपना पासपोर्ट अदालत को सौंपने के निर्देश दिए.

अदालत ने कहा कि विल्सन को केरल के कोल्लम में स्थित अपने गृह स्थान नींदाकारा से बाहर नहीं जाना चाहिए और कहा कि जमानत विस्तार का आग्रह मंजूर नहीं किया जाएगा.

विल्सन को पुणे पुलिस ने मामले की जांच के दौरान जून 2018 में गिरफ्तार किया था. वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं और नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं.

इसे भी पढ़ें : भीमा कोरेगांव हिंसा: आरोपी रोना विल्सन के लैपटॉप में प्लांट कराए गए थे मेल

पुलिस ने आरोप लगाया था कि एल्गार परिषद् की सभा का आयोजन करने के एक दिन बाद एक जनवरी 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद पुणे पुलिस ने विल्सन एवं अन्य कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया था. 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद् की बैठक में भड़काऊ भाषण एवं उत्तेजक बयान दिए गए थे जिससे अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई.

पुलिस के मुताबिक कार्यक्रम को माओवादियों का भी समर्थन हासिल था. बाद में एनआईए ने जांच को पुणे पुलिस से अपने हाथों में ले लिया.

(एजेंसी इनपुट)

मुंबई : भीमा कोरेगांव और अर्बन नक्सलवाद के आरोपी रोना विल्सन (Rona Wilson) को मुंबई की एक एनआईए अदालत ने पिता के अंतिम संस्कार से जुड़े कार्य में शामिल होने के लिए अस्थायी जमानत दे दी है.

बता दें कि रोना विल्सन के पिता का 18 अगस्त 2021 को केरल में निधन हो गया था.

30वें दिन यानी 16 सितंबर को केरल के एक चर्च में परंपरागत नियम किए जाएंगे. इसके लिए अदालत ने विल्सन को दो सप्ताह की अस्थायी जमानत दी है.

आपकाे बता दें कि रोना विल्सन को जुलाई 2018 में गिरफ्तार किया गया था. वह वर्तमान में यूएपीए अधिनियम के तहत न्यायिक हिरासत में है.

विशेष न्यायाधीश डी. ई. कोठालीकर ने उन्हें 13 सितंबर से 27 सितंबर तक अंतरिम जमानत दे दी और जेल में बंद कार्यकर्ता को कुछ राहत देते हुए उन पर कुछ शर्तें भी लगाईं. न्यायाधीश ने आरोपी को अपना पासपोर्ट अदालत को सौंपने के निर्देश दिए.

अदालत ने कहा कि विल्सन को केरल के कोल्लम में स्थित अपने गृह स्थान नींदाकारा से बाहर नहीं जाना चाहिए और कहा कि जमानत विस्तार का आग्रह मंजूर नहीं किया जाएगा.

विल्सन को पुणे पुलिस ने मामले की जांच के दौरान जून 2018 में गिरफ्तार किया था. वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं और नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं.

इसे भी पढ़ें : भीमा कोरेगांव हिंसा: आरोपी रोना विल्सन के लैपटॉप में प्लांट कराए गए थे मेल

पुलिस ने आरोप लगाया था कि एल्गार परिषद् की सभा का आयोजन करने के एक दिन बाद एक जनवरी 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद पुणे पुलिस ने विल्सन एवं अन्य कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया था. 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद् की बैठक में भड़काऊ भाषण एवं उत्तेजक बयान दिए गए थे जिससे अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई.

पुलिस के मुताबिक कार्यक्रम को माओवादियों का भी समर्थन हासिल था. बाद में एनआईए ने जांच को पुणे पुलिस से अपने हाथों में ले लिया.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Sep 8, 2021, 5:30 PM IST
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