रोहतक में बम ब्लास्ट मामले में रोहतक कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. 1997 में रोहतक में 2 स्थानों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. इस मामले में एडिशनल सेशन जज राजकुमार यादव की कोर्ट ने संदिग्ध आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान रोहतक पुलिस ये साबित ही नहीं कर पाई कि टुंडा की इन बम धमाकों में कोई भूमिका थी. अब्दुल करीम टुंडा इस समय राजस्थान की अजमेर जेल में बंद है.
इससे पहले 13 फरवरी को रोहतक कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. पहले फैसला 15 फरवरी को आना था, लेकिन जज उस दिन छुट्टी पर थे. जिसकी वजह से कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि साल 1997 में रोहतक शहर में 2 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. एक बम धमाका ओल्ड सब्जी मंडी और दूसरा करीब एक घंटे बाद किला रोड पर हुआ. हालांकि इन बम धमाकों में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी. कई लोग घायल हो गए थे.
पुलिस जांच में सामने आया था कि इन बम धमाकों में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के गांव पिलखुआ निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का हाथ है. उस समय वो विदेश जा चुका था. साल 2013 में जब अब्दुल करीम टुंडा नेपाल से भारत आया, तो दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उसे रोहतक में हुए बम धमाकों के मामले में प्रोडक्शन वारंट पर रोहतक की कोर्ट में भी पेश किया गया. टुंडा के वकील विनीत वर्मा ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान पुलिस ऐसा कोई भी सबूत और गवाह पेश नहीं कर पाई. जिससे ये साबित हो सके कि टुंडा की इन दोनों धमाकों में कोई भूमिका रही.