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स्ट्रोक वाले मरीजों के लिए मददगार बनेंगे आईआईटी कानपुर के खास रोबोट, कराएंगे एक्सरसाइज - device developed Robotics Center

आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स सेंटर में एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस आधारित हैंड एक्सोस्केलेटन डिवाइस (रोबोट) तैयार की गई है. यह रोबोट ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के हाथ, सिर समेत अन्य अंगों की एक्सरसाइज कराएगा.

स्ट्रोक वाले मरीजों के लिए मददगार बनेंगे आईआईटी कानपुर के खास रोबोट,
स्ट्रोक वाले मरीजों के लिए मददगार बनेंगे आईआईटी कानपुर के खास रोबोट,
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Published : Jun 22, 2023, 9:35 PM IST

प्रोफेसर आशीष दत्ता ने रोबोट के बारे में दी जानकारी दी.

कानपुर: ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है. यह मस्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड की आपूर्ति बंद कर देती है. इस स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है. इस परिस्थिति में पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं. यह बीमारी एक प्रकार का दिल का दौरा ही है. इससे व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. आईआईटी कानपुर ने इससे बचाने के लिए एक खास रोबोट ( हैंड एक्सोस्केलेटन डिवाइस) तैयार किया है. ये रोबोट मरीजों के हाथ, सिर समेत अन्य अंगों की एक्सरसाइज कराएंगे.

स्ट्रोक के मरीजों को फिजियोथेरेपी की सलाहः चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि जब स्ट्रोक से मानव मस्तिष्क का बायां हिस्सा क्षतिग्रस्त होता है तो शरीर के दायीं ओर का अंग काम करना बंद कर देता है. जब दायां हिस्सा प्रभावित होता है तो बायीं ओर के अंग निष्क्रिय हो जाते हैं. इमरजेंसी में प्राथमिक इलाज के बाद ऐसे मरीजों को फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी जाती है. अब ऐसे स्ट्रोक वाले मरीजों को घर बैठे कानपुर आईआईटी के रोबोट एक्सरसाइज कराएंगे.


आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स सेंटर में तैयार हुई डिवाइस: आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स सेंटर में डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर आशीष दत्ता और उनके सहयोगियों ने एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस आधारित हैंड एक्सोस्केलेटन डिवाइस तैयार की है. इस डिवाइस का अमेरिका व अन्य देशों में मरीजों पर प्रयोग सफल रहा है. मौजूदा समय में इस डिवाइस का उपयोग क्लीनिकल ट्रायल के तौर पर अपोलो अस्पताल दिल्ली में मरीजों पर जारी है. प्रो. आशीष ने बताया कि इस डिवाइस की मदद से वह हाथ, सिर समेत अन्य अंगों की एक्सरसाइज कर सकेंगे. जैसै-जैसे डिवाइस को निर्देश मिलेगा. वैसे-वैसे वह एक्सरसाइज कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह डिवाइस एक रोबोट की तरह काम करती है.


बाजार में इतनी होगी कीमत: प्रो.आशीष ने बताया कि यह डिवाइस लगभग एक साल बाद बाजार में आ जाएगी. इस डिवाइस की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये तक रहेगी. अपोलो अस्पताल दिल्ली से लगातार वह संपर्क में हैं. इस तरह के अन्य नामचीन अस्पतालों में भी इस डिवाइस का उपयोग किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें- निदेशक प्रो. करंदीकर का दावा, देश का पहला कार्बन न्यूट्रल कैंपस होगा IIT कानपुर

प्रोफेसर आशीष दत्ता ने रोबोट के बारे में दी जानकारी दी.

कानपुर: ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है. यह मस्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड की आपूर्ति बंद कर देती है. इस स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है. इस परिस्थिति में पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं. यह बीमारी एक प्रकार का दिल का दौरा ही है. इससे व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. आईआईटी कानपुर ने इससे बचाने के लिए एक खास रोबोट ( हैंड एक्सोस्केलेटन डिवाइस) तैयार किया है. ये रोबोट मरीजों के हाथ, सिर समेत अन्य अंगों की एक्सरसाइज कराएंगे.

स्ट्रोक के मरीजों को फिजियोथेरेपी की सलाहः चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि जब स्ट्रोक से मानव मस्तिष्क का बायां हिस्सा क्षतिग्रस्त होता है तो शरीर के दायीं ओर का अंग काम करना बंद कर देता है. जब दायां हिस्सा प्रभावित होता है तो बायीं ओर के अंग निष्क्रिय हो जाते हैं. इमरजेंसी में प्राथमिक इलाज के बाद ऐसे मरीजों को फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी जाती है. अब ऐसे स्ट्रोक वाले मरीजों को घर बैठे कानपुर आईआईटी के रोबोट एक्सरसाइज कराएंगे.


आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स सेंटर में तैयार हुई डिवाइस: आईआईटी कानपुर के रोबोटिक्स सेंटर में डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर आशीष दत्ता और उनके सहयोगियों ने एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस आधारित हैंड एक्सोस्केलेटन डिवाइस तैयार की है. इस डिवाइस का अमेरिका व अन्य देशों में मरीजों पर प्रयोग सफल रहा है. मौजूदा समय में इस डिवाइस का उपयोग क्लीनिकल ट्रायल के तौर पर अपोलो अस्पताल दिल्ली में मरीजों पर जारी है. प्रो. आशीष ने बताया कि इस डिवाइस की मदद से वह हाथ, सिर समेत अन्य अंगों की एक्सरसाइज कर सकेंगे. जैसै-जैसे डिवाइस को निर्देश मिलेगा. वैसे-वैसे वह एक्सरसाइज कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह डिवाइस एक रोबोट की तरह काम करती है.


बाजार में इतनी होगी कीमत: प्रो.आशीष ने बताया कि यह डिवाइस लगभग एक साल बाद बाजार में आ जाएगी. इस डिवाइस की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये तक रहेगी. अपोलो अस्पताल दिल्ली से लगातार वह संपर्क में हैं. इस तरह के अन्य नामचीन अस्पतालों में भी इस डिवाइस का उपयोग किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें- निदेशक प्रो. करंदीकर का दावा, देश का पहला कार्बन न्यूट्रल कैंपस होगा IIT कानपुर

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