विल्लुपुरम: तमिलनाडु विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने विल्लुपुरम में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से बीमार पड़े लोगों से मुलाकात की और साथ ही प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि दूध और शहद की नदियां बहाने का चुनावी वादा करने वाली सरकार के राज में शराब की नदियां बह रही हैं.
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव ने जहरीली शराब के मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की आलोचना की और आरोप लगाया कि अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है.
मरक्कनम जहरीली शराब त्रासदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों का इलाज चल रहा है वे आंखों की रोशनी समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. सरकारी अस्पताल में बीमार लोगों से मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'यह बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाला है। यह सरकार पिछले दो साल में कोई योजना नहीं लाई। नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011-21 के अन्नाद्रमुक शासन के दौरान इस मुद्दे से सख्ती से निपटा गया और अवैध शराब बेचने के मामले में पकड़े गए लोगों के खिलाफ सख्त गुंडा अधिनियम लागू किया गया था. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर हमला बोलते हुए पलानीस्वामी ने उन पर 'अयोग्य और कठपुतली मुख्यमंत्री' होने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की.
पलानीस्वामी ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा, 'नाराजगी है...उन्होंने (द्रमुक) वादा किया था कि दूध और शहद की नदियां बहेंगी (2021 के चुनाव से पहले) लेकिन अब केवल शराब की नदियां बह रही हैं.' तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपेट में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने की अलग-अलग घटनाओं में अभी तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री स्टालिन ने जहरीली शराब और मादक पदार्थों के खतरे को खत्म करने के लिए अपनी सरकार के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार ने तत्कालीन विल्लुपुरम पुलिस अधीक्षक (एसपी) को निलंबित करने सहित कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है.
(पीटीआई-भाषा)