नई दिल्ली : विधि आयोग के समान नागरिक संहिता (UCC) पर विचार-विमर्श करने के बीच, संसद की कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति ने अपनी पड़ताल के लिए पर्सनल लॉ की समीक्षा समेत अन्य विषयों को चुना है. जून में विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगकर यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू किया था.
संक्षेप में, यूसीसी देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा जो धर्म पर आधारित नहीं होगा. पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने तथा उत्तराधिकार से संबंधित कानून सामान्य संहिता के तहत आने की संभावना है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए दूरस्थ मतदान और ई-पोस्टल मतपत्रों के विषय पर भी गौर करने का निर्णय लिया है.
नवंबर 2020 में, निर्वाचन आयोग ने सरकार को पात्र विदेशी भारतीय मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया था, जो अब तक सैन्य कर्मियों के लिए उपलब्ध है. फिलहाल यह मामला निर्वाचन आयोग और विदेश मंत्रालय के बीच लंबित है. वर्तमान में, प्रवासी भारतीयों को अपने पंजीकरण वाले निर्वाचन क्षेत्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की छूट प्राप्त है. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 और केंद्रीय सूचना आयोग के कामकाज को भी समीक्षा किये जाने वाले विषयों के रूप में चुना गया है.
लोकसभा बुलेटिन में शुक्रवार को कहा गया कि सतर्कता प्रशासन की प्रभावशीलता, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण और केंद्रीय सतर्कता आयोग की कार्यप्रणाली समिति द्वारा चुने गए कुछ अन्य विषय हैं. क्षेत्रीय भाषाओं में अदालती कार्यवाही और फैसले, अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत लंबित मामलों और चौबीसों घंटे संचालित की जाने वाली डिजिटल अदालतों के विषय पर भी समिति गौर करेगी.
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